जबलपुर । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने एक लेक्चरर (Lecturer) की याचिका (याचिका ) का निपटारा कर दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सरकारी कॉलेज (Government Colleges) के अधिकारी उसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं। राज्य सरकार ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
याचिकाकर्ता सीधी जिले के मझौली में एक सरकारी कॉलेज में गेस्ट टीचर है। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि कॉलेज के अधिकारी उन्हें आरएसएस में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल जज बेंच ने बुधवार को इस मामले में याचिकाकर्ता के दावे के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना याचिका का निपटारा कर दिया।
बेंच ने कहा कि राज्य सरकार के वकील वी.एस. चौधरी ने कहा है कि वे सीधी के पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ता की शिकायतों पर गौर करने, उनकी जांच करने और यदि कोई वास्तविक खतरा है, तो एसपी को आदेश की प्रमाणित कॉपी प्राप्त होने की तारीख से सात दिनों के भीतर इसे कम करने का निर्देश दिया जाएगा।
इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता ने कहा कि वह मझौली स्थित शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी (कॉमर्स) के रूप में कार्यरत है तथा उसे कॉलेज प्राधिकारियों द्वारा आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने के लिए निर्देशित किया गया था।
बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा याचिकाकर्ता की विचारधारा से मेल नहीं खाती है। जब उन्होंने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें पीटा गया और धमकाया गया।
आदेश में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने पहले ही एसपी तथा संबंधित शहर इंस्पेक्टर से शिकायतें की हैं, लेकिन इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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