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मप्रः जल जीवन मिशन में जन-भागीदारी को किया जाएगा प्रोत्साहितः मुख्यमंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में जल सम्मेलन आयोजित कर जन-भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। गाँव-गाँव में पानी का पैसा जमा कराने के लिए लोगों में दायित्व बोध विकसित करने के उद्देश्य से अभियान चलाया जाएगा। मिशन में पन्ना, दमोह क्षेत्र में सिंचाई के लिए केनाल इरिगेशन के क्रियान्वयन का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। लक्ष्य पूरा करने के लिए कार्य में जल्दबाजी नहीं की जाए। जहाँ भूमिगत जल का प्रामाणिक स्रोत हो, वहीं से जल प्रदाय की व्यवस्था मिशन में सुनिश्चित की जाए। बुंदेलखंड क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इस क्षेत्र में समूह योजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।


मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को मंत्रालय में केन्द्रीय जल-शक्ति एवं खाद्य प्र-संस्करण, उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, केन्द्रीय जलशक्ति एवं जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू तथा प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव की उपस्थिति में जल जीवन मिशन और केन-बेतवा लिंक परियोजना संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट वर्चुअली शामिल हुए।

आँगनबाड़ी और स्कूलों को प्राथमिकता से उपलब्ध कराया जाए नल कनेक्शन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन में आँगनबाड़ी और स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाए। नल से जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिन बसाहटों में पूर्व से पाइप-लाइन डली हुई हैं, वे पाइप लाइन यदि कमजोर हैं तो योजना के कनेक्शन उन पाइप लाइनों से नहीं किए जाएँ। पुरानी कमजोर पाइप-लाइनों के स्थान पर पूरी नई पाइप-लाइन बिछाई जाए। इससे नई योजना का लाभ बसाहट के सभी लोगों को समान रूप से उपलब्ध हो सकेगा।

उन्होंने जानकारी दी कि पिछली सरकार में जल जीवन मिशन में कोई कार्य नहीं हुआ था। उसके बाद कोरोना की चुनौती से निपटने के परिणाम स्वरूप जल जीवन मिशन का कार्य प्रभावित हुआ है। इन परिस्थितियों के बाद भी राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति संतोषजनक है।

परियोजनाओं का थर्ड पार्टी सक्षम समूहों से कराया जाए
केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि सभी परियोजनाओं का थर्ड पार्टी मूल्यांकन आवश्यक रूप से कराया जाए। मूल्यांकन का कार्य तकनीकी रूप से दक्ष एवं सक्षम समूहों और व्यक्तियों को ही सौंपा जाए। जल जीवन मिशन में हितग्राहियों को साथ लेकर योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने से अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा और अधिक बसाहटों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने में सफलता मिलेगी। इस संबंध में मालवा और निमाड़ क्षेत्र में हो रहे नवाचारों का अनुसरण राज्य के अन्य भागों में भी किया जाना चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्यप्रदेश को 8.11 लाख हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश के केन-कछार में 18 तहसील और 1376 गाँवों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। बेतवा-कछार में 10 तहसील और 673 ग्रामों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। जल जीवन मिशन में समूह नल-जल योजना में मई- 2020 से अब तक 26 लाख 88 हजार परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है। गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों की पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएँ एन.ए.बी.एल प्रमाणित हैं।बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)

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