नई दिल्ली (New Delhi)। नामीबिया (Namibia) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park – केएनपी) लाए गए चीतों (Cheetahs) का नामकरण किया गया है। चीतों को लोकप्रिय बनाने और आम लोगों के बीच इन जीवों के प्रति संवेदनशीलता की भावना पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मन की बात के दौरान इनके नामकरण के लिए लोगों से सुझाव देने के लिए कहा था। नामीबिया से लाई मादा चीता अशा का नाम आशा, सवाना का नभा, तिबलिसी का धात्री और चार शावकों को जन्म देने वाली सियाया का ज्वाला रखा गया है।
नर ओबान का नाम पवन, एल्टन का गौरव और फ्रेडी का शौर्य नाम रखा गया है। इसी तरह अफ्रीका के फिंडा गेम रिजर्व से लाई गई वयस्क मादा का नाम दक्षा, वयस्क नर में से एक का वायु व दूसरे का अग्नि नाम रखा है। मापेसु रिजर्व से लाई गई मादा को नीर्वा नाम दिया गया है। कालाहारी के स्वालू रिजर्व से लाई गई वयस्क मादा को गामिनी, अल्प वयस्क को वीरा, वयस्क नर को तेजस, अल्प वयस्क नर को सूरज नाम दिया गया है।
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को बताया कि नाम सुझाने के लिए हुई प्रतिस्पर्धा में 11,565 लोगों ने भाग लिया। एक चयन समिति ने सुझाए गए नामों में से महत्व और प्रासंगिकता के आधार पर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए नामों का चयन किया है। वाटरबर्ग रिजर्व से लाई गई वयस्क मादा का नाम धीरा, वयस्क नर एक का उदय, दूसरे का प्रभास व तीसरे का पावक नाम रखा गया है।
द. अफ्रीका से लाए 12 चीते अनुकूलन बाड़ों में छोड़े
फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए गए 12 चीतों को दो महीने तक क्वारंटीन बाड़ों में रखने के बाद 17 से 19 अप्रैल के दौरान कूनो के अनुकूलन बाड़ों में छोड़ा गया। दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 7 नर और 5 मादा चीतों को लाया गया था। अनुकूलन बाड़ों में ये चीते खुद शिकार करेंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया, पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) से मंजूरी मिलने के बाद बारह चीतों को अनुकूलन बाड़ों में छोड़ दिया गया है। एक महीने तक चीतों के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा, इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा।