भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) अपने एक बयान से फंसते नजर आ रहे हैं। पटवारी के बयान ‘नारायण टैक्स’ को लेकर सीएम डॉ मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) के भाई नारायण यादव ने 10 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस (Defamation Notice) भेजा है। नोटिस अधिवक्ता वीरेंद्र शर्मा द्वारा भेजा गया है।
मुख्यमंत्री के भाई की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने सार्वजनिक मंच से उन्हें टैक्स वसूली से जोड़ते हुए दुर्भावनापूर्ण तरीके से उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। इससे उन्हें मानसिक पीड़ा हो रही है। नोटिस में कहा गया है कि जीतू पटवारी का यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा-356 के अंतर्गत आता है, जो कि एक आपराधिक कृत्य है।
उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील में आयोजित कांग्रेस की एक सभा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंच से कहा था कि भोलेनाथ की नगरी उज्जैन और इंदौर में ‘नारायण टैक्स’ लिया जा रहा है। यह टैक्स हर उस व्यक्ति से लिया जा रहा है जो होटल बना रहा है, ठेकेदारी कर रहा है या शराब के कारोबार में लगा है।
पटवारी ने दावा किया था कि सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन में होटल व्यवसाय शुरू करने वाले लोगों से 20 प्रतिशत तक ‘नारायण टैक्स’ वसूला जा रहा है। जीतू पटवारी के इस बयान के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के भाई नारायण यादव ने कड़ा एतराज जताते हुए 10 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है।
कांग्रेस के इस कार्यक्रम से जुड़े एक वीडियो में जीतू पटवारी श्रीमन नारायण-नारायण भजन गाते हुए नजर आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि जमीन का कोई धंधा कर लो तो ‘नारायण टैक्स’ लग जाता है। इंदौर में भी ‘नारायण टैक्स’ की हवा आ रही है। वहां भी एक दयालु बाबा थे, जिनका टैक्स लगता था। अब नारायण भैया ने भी खुद का नाम दयालु बाबा रख लिया है। उन्होंने मंच से कहा कि उन्होंने इस टैक्स को भोलेनाथ की नगरी के नाम पर लगाया गया ‘नारायण टैक्स’ नाम दिया है।
नारायण यादव की ओर से कहा गया है कि यह बयान पूरी तरह से पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण था। इसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ के लिए उनकी छवि धूमिल करना है। पटवारी प्रदेश के एक प्रमुख राजनीतिक पद पर आसीन हैं। इसके बावजूद इसके उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देकर जनता को गुमराह किया।
पटवारी को एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से नोटिस भेजा गया है और 10 करोड़ रुपए मुआवजा की मांग की गई है। इसके अलावा नोटिस भेजने पर आए खर्च के रूप में एक लाख रुपए अलग से मांगे गए हैं। अगर पटवारी नोटिस का जबाब जल्द नहीं देते तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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