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Nasal Vaccine का ट्रायल हुआ भारत में शुरू, 10 लोग चुने गए

हैदराबाद। भारत बायोटेक कंपनी (Bharat Biotech)जो की हैदराबाद में स्थित है उसने नेसल वैक्सीन (Nasal Vaccination)का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन (Vaccine) की खासियत यह है की इसमें व्यक्ति को नाक (Nose) के जरिए डोज़ दी जाएगी, माना जा रहा है की जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है.
कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ने के लिए अभी देश में वैक्सीनेशन (vaccination)का काम जारी है और इस मिशन में एक और कामयाबी नेसल वैक्सीन के ट्रायल (Trial) के रूप में मिली है. इस वैक्सीन को देने के लिए नाक को जरिया बनाया जाएगा।

वैसे आपको बता दे की साल की शुरुआत में ही भारत बायोटेक ने फेज़ 1 ट्रायल (Phase 1 Trial) के लिए मंजूरी मांगी थी, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से मंजूर कर दिया गया था.बस अब इसी हफ्ते के शुरुआत में हैदराबाद (Hyderabad) के एक अस्पताल में इंट्रानेसल वैक्सीन (BBV154) का ट्रायल शुरू कर दिया गया.अब इस नोज़ल ट्रायल के लिए दस लोगों का नाम भी शॉर्ट लिस्ट किया गया है, अभी तक ये दो लोगो को दी जा चुकी है और भारत बायोटेक की माने तो ये जिन दो लोगों को वैक्सीन दी गई है वह बिल्कुल स्वस्थ हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की अगर नेसल वैक्सीन का ट्रायल पूरी तरह सफल होता है, इसे मंजूरी मिल सकती है तो कोरोना वायरस के खतरे को रोकने में ये काफी कारगर साबित होगा. क्योंकि ये वैक्सीन नाक से दी जाती है, ऐसे में अधिक कारगर होने की उम्मीद है. भारत बायोटेक के जरिए बनाई जा रही इस कोरो-फ्लू के जरिए सिर्फ एक ड्रॉप (One Drop) में ही काम हो जाएगा.जो की आसान भी रहेगी और समय बचा पायेगी।

कैसे ये अस्तित्व में आयी
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University) के साथ भारत बायोटक ने मिलकर Nasal वैक्सीन पर रिसर्च (Research)कर इसे तैयार किया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार , इस वैक्सीन को देने में किसी तरह की सुई का प्रयोग नहीं करना पड़ता है. साथ ही इसके लिए किसी तरह के ट्रेंड हेल्थ वर्कर (Health worker) की जरूरत भी नहीं है.जो की इसकी सबसे बड़ी खासियत रहेगी।

जाने क्या है इसके फायदे-
1.उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव.
2. नाक के अंदरूनी हिस्सों में इम्युन तैयार होने से सांस से संक्रमण का खतरा घटेगा.
3. इंजेक्शन से छुटकरा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं.
4. कम खतरा होने से बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की सुविधा संभव. 
5. इंजेक्शन से छुटकारा
अभी सब ही जानते है कि भारत में अभी दो वैक्सीन को मंजूरी दी गई है. दोनों ही वैक्सीन की दो डोज़ दी जाती हैं, जो 28 दिनों के अंतर में दी जानी है और फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड (Covishield), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) वैक्सीन का उपयोग भारत में किया जा रहा है। .

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