
बालाघाट: माओवाद (Maoism) प्रभावित इलाकों में पुलिस (Police) के लगातार जागरूकता अभियान का असर अब दिखने लगा है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले (Balaghat District) के पितकोना चौकी के चौरिया कैंप में 14 लाख की ईनामी महिला नक्सली सुनीता सियाम (Naxalite Sunita Siyam) ने आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया.
छत्तीसगढ़ के भैरमगढ़, जिला बीजापुर की रहने वाली यह 22 वर्षीय महिला नक्सली संगठन में एरिया कमेटी मेंबर के पद पर सक्रिय थी. सुनीता ने पुलिस कैंप में अपनी इंसास राइफल और तीन मैगजीन के साथ सरेंडर किया. यह मप्र आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2023 के अंतर्गत पहला आत्मसमर्पण है.
जैसे-जैसे मिशन 2026 की समयसीमा नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे नक्सली संगठन सावधानी की मुद्रा में आ गए हैं. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के दबाव के चलते माओवादी अब आत्मसमर्पण की राह पकड़ने लगे हैं. हाल ही में बालाघाट पुलिस ने कई नक्सल प्रभावित गांवों में पोस्टर-बैनर लगाकर उन नक्सलियों की तस्वीरें साझा कीं जिन्होंने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण किया था. इसी अभियान का नतीजा है कि अब सुनीता जैसी हार्डकोर महिला नक्सली भी हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट रही हैं.
पुलिस के अनुसार सुनीता वर्ष 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी. उसने माड़ क्षेत्र में छह माह का प्रशिक्षण लिया और बाद में सेंट्रल कमेटी के शीर्ष नक्सली नेता सीसीएम रामदेर की सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त हुई. रामदेर की 11 सदस्यीय टीम के साथ वह एमएमसी जोन दर्रेकसा क्षेत्र में पहुंची और जीआरबी डिवीजन में सक्रिय रही. इसी दौरान वह मलाजखंड-दर्रेकसा दल में एसीएम के पद पर काम कर रही थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार सुनीता ने 1 नवंबर की सुबह दलम से अलग होकर निकलने के बाद अपने हथियार व सामग्री जंगल में छिपाई और सीधे पुलिस कैंप पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया.
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