नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र घर की निगेटिव एनर्जी को दूर कर सकारात्मकता लाने के उपाय बताता है. यही कारण हैं कि इसका जीवन में खास महत्व है. वास्तु शास्त्र में हर समस्या का समाधान निदान बताया गया है. अक्सर लोग कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जिसका वे अंदाजा भी नहीं लगा सकते, लेकिन इन गलतियों के कारण इंसान का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. ऐसे में वास्तु के मुताबिक जानते हैं कि घर की किन गलतियों को तुरंत सुधार कर लेना चाहिए.
डाइनिंग टेबल: वास्तु शास्त्र के अनुसार डाइनिंग टेबल को पूर्व दिशा रखना बेहतर होता है. इससे पाचन संबंध समस्या दूर होती है. वहीं पूरब दिशा में रसोई घर बनाने से बचना चाहिए.
किचन की दिशा: वास्तु शास्त्र के मुताबिक किचन रूम को दक्षिण पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए. वहीं चूल्हे को पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है. ऐसा करने से घर में रहने वालों की सेहत अच्छी रहती है.
मास्टर बेडरूम की दिशा: मकान का मास्टर बेडरूम की दिशा दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा की ओर मुख करके सोना अशुभ होता है. दीवार और बिस्तर की दूरी कम से कम 3-4 इंच होनी चाहिए.
सीढ़ियों को ना रखे अंधेरा: वास्तु शास्त्र के मुताबिक बेडरूम में या सीढ़ियों के पास कभी भी अंधेरा ना करें. इन जगहों के अच्छी तरह से रोशन करके रखना चाहिए. याद्दाश्त या एकाग्रता के लिए स्टडी रूम में संगमरमर या लकड़ी के फर्नीचर का इस्तेमाल करना चाहिए.
तुलसी का पौधा या नीम: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बागीचे में तुलसी का पौधा या नीम का पेड़ लगाना चाहिए. इससे सेहत अच्छी रहती है. साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है.
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