बड़ी खबर

July में आ सकती है नई सहकारिता नीति, अमित शाह के मार्गदर्शन में तैयार होगा संशोधित मसौदा

नई दिल्ली (New Delhi)। नई सहकारिता नीति (New Cooperative Policy) जुलाई तक आ सकती है। सहकारिता नीति बनाने के लिए गठित कमेटी (Committee) ने सोमवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Cooperative Minister Amit Shah) को नई नीति का मसौदा (prepare revised draft) सौंपा। शाह के मार्गदर्शन के बाद समिति एक संशोधित मसौदा तैयार करेगी। इसमें राज्य सरकार, केंद्रीय मंत्रालय, विभिन्न विभाग, राष्ट्रीय सहकारी समिति और सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किया जाएगा।

नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) के नेतृत्व में 49 सदस्यीय राष्ट्रीय समिति (49 member national committee) का गठन दो सितंबर, 2022 को किया गया था। सदस्यों में राज्य सहकारिता विभाग, केंद्रीय मंत्रालयों के विभाग, राष्ट्रीय सहकारिता महासंघ और विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद और विशेषज्ञ शामिल हैं।


नीति की रूपरेखा को लेकर पिछले साल 12 और 13 अप्रैल को एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया था, जिसमें समिति की अवधारणा और नीति बनाने की प्रक्रिया पर व्यापक विचार विमर्श हुआ था। समिति को नीति बनाने को लेकर हितधारकों और आम जनता से 500 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे। राष्ट्रीय स्तर की समिति की अब तक 8 बैठकें हुई हैं, और इसमें मसौदा तैयार करने के लिए विभिन्न हितधारकों से विचार-विमर्श भी किया है।

सहकारिता मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि समिति के सदस्यों ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह को मसौदा नीति के उद्देश्यों, दृष्टि और मिशन के बारे में बताया। समिति ने संरचनात्मक सुधार और शासन, जीवंत आर्थिक संस्थाओं के रूप में सहकारिता, सहकारिता के लिए समान अवसर, पूंजी और धन के स्रोत, कौशल विकास और प्रशिक्षण, स्थिरता और योजना के कार्यान्वयन समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए की गई सिफारिशों के बारे में भी बताया।

Share:

Next Post

खालिस्तान चाहता ही नहीं था जरनैल सिंह भिंडरावाले, जानिए पूरा प्‍लान

Tue Jun 6 , 2023
चंडीगढ़ (Chandigarh)। पंजाब के अमृतसर (Chandigarh) स्थित स्वर्ण मंदिर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की वर्षगांठ मनाई जा रही है। साल 1984 में हुए इस ऑपरेशन के तार सीधे तौर पर तब दमदमी टकसाल के प्रमुख रहे जरनैल सिंह भिंडरावाले से जुड़ते हैं और भिंडरावाले (Bhindranwale) का कनेक्शन भारत में खालिस्तानी मूवमेंट से है। तत्कालीन प्रधानमंत्री […]