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उत्तर कोरिया की साउथ कोरिया पर ताबड़तोड़ बमबारी, नया वार फ्रंट खुला?

नई दिल्ली: उत्तर (North Korea) और दक्षिण कोरिया (South Korea) में रार कोई नई बात नहीं है. कई तरह की शांति संधियों के बाद भी दोनों देशों में तनाव बना रहता है. अब एक बार फिर से दोनों देशों में तकरार देखने को मिली है, जहां उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई सीमा के पास 200 से ज्यादा गोले दागे हैं. दुनिया पहले से ही दो युद्धों की मार झेल रही है. जहां रूस-युक्रेन (Russia-Ukraine) और इजराइल-हमास के बीच युद्ध संघर्ष जारी है और इसका अंत होते नहीं दिख रहा, तो वहीं अब तक शांत बैठा उत्तर कोरिया भी अपने सबसे बड़े दुश्मन साउथ कोरिया को आंखें दिखा रहा है.

दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को उत्तर कोरियाई सीमा के पास योनप्योंग द्वीप (Yeonpyeong Island) के निवासियों को वहां से जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया, कारण बताया गया कि दक्षिण कोरिया की सेना इस क्षेत्र में लाइव-फायर अभ्यास करेगी. इसी बीच कुछ घंटे पहले व्हाइट हाउस ने नार्थ कोरिया पर आरोप लगाया था कि रूस ने नार्थ कोरिया से भेजी गई मिसाइल का यूक्रेन के ऊपर हमले में इस्तेमाल भी किया था. व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किर्बी के इस बयान के तुरंत बाद ही नार्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर 200 से अधिक गोले दाग दिए. हालांकि, दक्षिण कोरिया को कोई नुकसान नहीं हुआ और गोले उत्तरी सीमा रेखा (northern boundary line) के उत्तर में गिरे, जो दोनों देशों के बीच वास्तविक समुद्री सीमा है.


एक और जंग का मैदान?
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का कहना है कि उत्तर कोरिया ने 2018 के सैन्य समझौते का उल्लंघन करते हुए उनकी विवादित पश्चिमी समुद्री सीमा के उत्तर में पानी में 200 राउंड फायरिंग की है. यह गोलियां येओनप्योंग द्वीप के पास चलाईं गईं. दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई अभ्यास को उकसावे की कार्रवाई बताया. हालांकि, इस अभ्यास में कोई चोटिल नहीं हुआ. वहां के आस-पास के लोगों को वहां से एक सेफ जगह पर जाने के लिए कहा गया है. दोनों देशों के बीच की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है. इस घटना के बाद से लोगों में एक अलग खौफ पैदा हो गया है कि कहीं एक और जंग का मैदान ना बन जाए.

क्या है इस रार का कारण?
पिछले 77 सालों में उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच हमेशा दुश्मनी की कार्रवाइयां चलती रही हैं. दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब कोरिया को जापान के नियंत्रण से अलग कराया गया तो ये अमेरिका और सोवियत संघ के सियासी दांवपेंच के बीच फंस गया. इसी के चलते 1948 में ये दो देशों में टूटा. 1950 में इन दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ लेकिन उसके बाद भी कटुता खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही.

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