निजी स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत फीस भुगतान में बरती लापरवाही…
इंदौर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को फीस के भुगतान में लापरवाही बरतने के चलते इंदौर सहित 34 जिलों के डीपीसी अफसरों को नोटिस जारी किए गए हैं। इंदौर के विवादित जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) अक्षयसिंह राठौर तो कोरोना पॉजिटिव भी हो गए हैं, जिनके खिलाफ निजी स्कूलों को गलत मान्यता देने के संबंध में जांच भी चल रही है। उनकी पत्नी और बेटी भी पॉजिटिव हो गई हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र ने आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की कार्रवाई में विलम्ब और लापरवाही बरतने पर 34 जिलों के जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी किया है। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश कुमार जाटव ने उक्त कारण बताओ सूचना पत्र गैरअनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को आरटीई फीस भुगतान में विलम्ब के लिए जारी किया है। इन सभी जिला परियोजना समन्वयकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियम 1966 के तहत नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब मांगा गया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत फीस प्रतिपूर्ति की कार्रवाई शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद इन जिलों के स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के नि:शुल्क अध्ययनरत बच्चों की सत्र 2016-17, 2017-18 और सत्र 2018-19 की फीस भुगतान के प्रस्ताव जिला परियोजना समन्वयक स्तर पर 3 माह से अधिक अवधि से लंबित थे। इन 34 जिलों में देवास, रीवा, सतना, खरगोन, मंदसौर, गुना, ग्वालियर, रायसेन, जबलपुर, भोपाल, अनूपपुर, आगर मालवा, सीधी, सागर, खंडवा, श्योपुर, हरदा, राजगढ़, भिंड, मुरैना, पन्ना, इंदौर, दमोह, नीमच, धार, अशोक नगर, छतरपुर, रतलाम, उमरिया, शाजापुर, दतिया, सीहोर और टीकमगढ़ ( निवाड़ी सहित ) शामिल हैं। वहीं इंदौर के डीपीसी अक्षयसिंह राठौर भी इसमें शामिल हैं, जिनके खिलाफ फर्जी मान्यता की चल रही जांच फिर से शुरू की गई है। राजेन्द्र नगर थाने में दर्ज शिकायत के संबंध में बयान लिए जा रहे हैं और कोर्ट में चालान भी पेश होना है। अभी राठौर कोरोना पॉजिटिव भी हो गए। उनकी पत्नी और बेटी भी संक्रमित पाई गई हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह ने उन्हें प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी का जिम्मा भी सौंप दिया था, फिर हल्ला मचने पर हटा भी दिया। वहीं अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम में फीस भुगतान के मामले में भी उनके साथ 34 अफसरों को आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र से नोटिस जारी हुए हैं।