नई दिल्ली। भारत (India) में HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus) के मामले लगातार बढ़ना जारी हैं। ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि देश में अब तक इस वायरस का शिकार 7 लोग हो चुके हैं। तीन राज्यों में अब तक HMPV के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, केंद्र सरकार (Central government) का कहना है कि मामलों के बढ़ने से कोविड (Covid) जैसी स्थिति नहीं बनेगी। पहली बार यह वायरस साल 2001 में नीदरलैंड्स में पाया गया था।
कहां मिले मरीज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,सोमवार को भारत में HMPV के 7 मामले दर्ज किए गए। इनमें बेंगलुरु, नागपुर और तमिलनाडु में 2-2 और 1 अहमदाबाद में मिला है। ICMR ने बेंगलुरु के बाप्टिस्ट हॉस्पिटल में दो मामलों की पुष्टि की है। पहला केस बेंगलुरु से 3 साल की बच्ची थी, जिसे बुखार और सर्दी के बाद दिसंबर में भर्ती कराया गया था। अब वह स्वस्थ हो चुकी है और डिस्चार्ज कर दिया गया है।
दूसरा मामला 3 जनवरी को मिला था, जिसमें 8 महीने का बच्चा शामिल था। दोनों बच्चों को पहलो ब्रोकोन्यूमोनिया हो चुका था और विदेश की यात्रा नहीं की थी। 24 दिसंबर को राजस्थान के डूंगरपुर के 2 साल के बच्चे को अहमदाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 26 दिसंबर को उसमें HMPV की पुष्टि हुई। 7 और 13 साल के दो बच्चों को नागपुर के अस्पताल में 3 जनवरी को भर्ती कराया गया था।
खास बात है कि नागपुर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इन मामलों को दोबारा जांच AIIMS में करने का फैसला किया था। दोनों बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं। तमिलनाडु स्वास्थ्य सचिव सुप्रिया साहू ने कहा था कि राज्य में 2 सक्रिय मामले हैं। चेन्नई और सेलम में इनका इलाज चल रहा है।
चिंता की बात नहीं- सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनक में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया खबरों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ‘स्थिति का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा।’ नड्डा ने कहा, ‘ICMR और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध श्वसन वायरस के लिए देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनकों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है।’
इस स्थिति की समीक्षा के लिए चार जनवरी को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा, ‘देश की स्वास्थ्य प्रणालियां और निगरानी नेटवर्क यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं कि राष्ट्र किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार रहे। चिंता की कोई बात नहीं है, हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।’
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