उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

खुला लूट का षड्यंत्र

  • अजीब विडंबना… पुलिस जांच में दोषी पर गिरफ्तारी और कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद

नागदा। दो सप्ताह तक लूट की कहानी सुनाकर पुलिस की नींद हराम करने वाले फरियादी जाँच के बाद अब खुद आरोपी बन चुके हैं, उनकी गिरफ्तारी और प्रकरण का फैसला न्यायालय से होगा।
सोमवार को सीएसपी मनोज रत्नाकर और थानाप्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा ने 3.50 लाख रुपयों की लूट की झूठी कहानी का पर्दाफाश कर दिया। सीएसपी मनोज रत्नाकर ने बताया कि 31 मई को कथित रूप से लूट की घटना के बाद से ही पुलिस लगातार कोशिश में लगी थी पर सफलता नहीं मिल रही थी। सीसीटीवी फुटेज सहित तमाम जांच के बाद भी जब लूट होने के कोई सबूत नहीं मिले तो फरियादी तीन युवकों के बयान फिर क्रॉस किए गए। तीनों को घटनास्थल पर ले जाकर पूरी कहानी का सीन दो बार रिक्रिएट करने के दौरान कई ऐसी बातें सामने आई जो पुलिस के गले नहीं उतर रही थी। इसके चलते पुलिस का शक फरियादी की कहानी पर आकर टिक गया, जिसके बाद सख्ती से की गई पूछताछ के बाद तीनों युवकों ने लूट की घटना फर्जी रूप से गढऩे और खुद ही रुपए हड़पने के लिए कहानी बनाने की बात स्वीकार की। सीएसपी श्री रत्नाकर और थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा के अनुसार आरोपियों ने लॉकडाउन के चलते कमाई बंद होने से अपने फूफा भुरु खान के रुपए को हड़पने की योजना घटना वाले दिन से दो दिन पूर्व ही बनाई और घटना वाले दिन महिदपुर से 3.50 लाख रुपये लेकर फरियादी सोहेब व उसके दोस्त राहिद, सावेज एक ही मोटर साइकिल से निकले और हिड़ी गाँव से पहले एक कुए के पास रुपयों से भरा बेग छिपा दिया, फिर जब संतुष्ट नहीं हुए तो पुन: वहां से बेग निकाल कर घटना स्थल से 200 मीटर पहले रोड किनारे पत्थरों के नीचे छिपा दिया तथा वहाँ पानी की खाली बोतल निशानी के लिए रख दी। फिर घटना स्थल पर जाकर फरियादी ने योजना के मुताबिक अपने पैर व हाथ में चाकू मार लिया। इसी प्रकार सावेज ने भी अपने पीठ पर वार करवाया और फिर लूट होने की सूचना अपने फूफा भुरु खान निवासी रतलाम को दी। तीनों ने नागदा आते समय रास्ते में चाकू फेंक दिया। आरोपियों ने घटना के दूसरे दिन शाम जहाँ रुपये छिपाए थे वहाँ पहुंचे और रुपयों का बेग निकाल लिया और साइलो केंद्र के आगे रोड किनारे बेग को फाड़कर फैंक दिया तथा नागदा स्थित अपने घर आकर रुपए रख लिए जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।

न्यायालय के आदेश के बाद होगी कार्रवाई
पुलिस द्वारा की गई जांच में भले ही फरियादी आरोपी निकले हों पर उन पर कार्रवाई न्यायालय के आदेश के बाद ही हो पाएगी। पुलिस पूरे मामले को जब न्यायालय में रखेगी तब न्यायालय तय करेगा कि उक्त षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ कौन सी धाराओं में प्रकरण चलाया जाए। उसी आदेश के आधार पर पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करेगी। अभी कुछ समय तक तीनों आरोपी गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई से बचे रहेंगे। अन्तत: कुछ समय बाद ही सही परंतु अपनी करनी का फल इन लोगों को न्यायालय के आदेश के साथ भुगतना ही होगा।

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