नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) सरकार एक तरफ तो अपने खर्चे (Expenses) को पूरा करने के लिए दुनियाभर से कर्ज (Loan) मांग रही है तो दूसरी ओर कर्ज का ब्याज (Interest) भरने के लिए जनता से वसूली पर उतर आई है. भीषण महंगाई, बेरोजगारी (Unemployment)और भुखमरी (Starvation) से जूझ रहे पाकिस्तान की जनता (Public) सरकार के इस कदम से खुद को और भी ज्यादा असहाय महसूस कर रही है. इस मुसीबत के बीच पाक सरकार ने पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों में अचानक बड़ी बढ़ोतरी भी कर दी है.
शहबाज शरीफ की सरकार ने पाकिस्तान में पेट्रोल 4.80 रुपये प्रति लीटर महंगा करते हुए 258.43 रुपये कीमत कर दी है. यहां डीजल भी 7.95 रुपये बढ़कर 262.59 रुपये लीटर पहुंच गया है. नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है और 15 दिनों तक प्रभावी रहेंगी. कीमतों में इस बढ़ोतरी का सीधा मतलब है कि सरकार अपने खाली हो रहे खजाने को भरने के लिए जनता पर बोझ डाल रही है.
डीजल के दाम बढ़ने की वजह से खेतों की सिंचाई और कृषि संबंधी गतिविधियों में गिरावट आएगी. माल ढुलाई भी महंगी हो सकती, जिसका सीधा असर महंगाई पर दिखेगा और लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें भी और महंगी हो जाएंगी. इसका सबसे बड़ा कारण हाल में आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को दिया गया कर्ज है, जिसे देने के साथ ही पाकिस्तान पर कई शर्त भी लाद दी है. इसी शर्त के तहत पाकिस्तान को अपने ऊपर लदे कर्ज के एक तय हिस्से का भुगतान करना जरूरी हो गया है. इसी भुगतान के लिए पाक सरकार को मोटी रकम चाहिए, जो उसे अपनी जनता से ही प्राप्त होगी.
पाकिस्तान सरकार अपने खजाने को भरने के लिए जनता पर लगातार बोझ डालती जा रही है. जून महीने की शुरुआ में ही उसने पेट्रोल की कीमत 1 रुपये लीटर बढ़ाकर 253.63 रुपये प्रति लीटर किया था. 15 दिन बाद ही इसमें सीधे करीब 5 रुपये का इजाफा कर दिया है. आईएमएफ ने हाल में ही पाकिस्तान को करीब 8.5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया है और साथ ही उसके भुगतान नियमों को और कड़ा कर दिया. इससे पाकिस्तान के पास अब काफी कम गुंजाइश बचती है.
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