लखनऊ: 2027 उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले सियासत (Politics) चरम पर है. सभी पार्टियां अपनी-अपनी गोटियां सेट करने में जुटीं है. कोई पीडीए तो कुछ जातिगत समीकरण (Caste Equations) पर फोकस कर रही हैं. लेकिन यूपी के उन 20-22 परसेंट अनुचित जाति (Unscheduled Caste) के मतदाताओं (Voters) पर सभी की निगाहें टेढ़ी हैं, जिसके पास सत्ता की कुंजी है. अब इस वोट बैंक पर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) की भी नजर हैं. अब तक बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के खिलाफ कुछ भी न बोलने वाले चंद्रशेखर ने चनौती देनी शुरू कर दी है. चुनौती भी ऐसी वैसी नहीं, बल्कि पूरे बहुजन समाज के वोट बैंक को अपने पाले में लाने की है. यह ठीक वैसा ही जब कांशीराम ने बहुजन समाज पार्टी बनाते वक्त किया था.
दरअसल, रविवार को झांसी में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में चंद्रशेखर आजाद ने बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पर तीखा हमला बोला. चंद्रशेखर ने कहा कि मायावती ने बहुजन समाज का विश्वास खो दिया है और अब समाज नए विकल्प की तलाश में है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा बहुजन समाज को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहती.
चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा, “बसपा सुप्रीमो मायावती बहुजन समाज का विश्वास खो चुकी हैं. समाज अब समझ चुका है कि उसे आगे ले जाने के लिए नए नेतृत्व की जरूरत है.” उन्होंने मायावती की नेतृत्व शैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बसपा लगातार कमजोर होती जा रही है, और इसका सबसे बड़ा कारण बहुजन समाज के हितों की अनदेखी है. चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी, आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज को एकजुट करने और उनके हकों की लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
चंद्रशेखर ने भाजपा को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, “भाजपा कभी नहीं चाहती कि बहुजन समाज तरक्की करे. उनकी नीतियां हमेशा से समाज के कमजोर वर्गों को दबाने वाली रही हैं.” उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर सत्ता के खिलाफ लड़ाई तेज करें.
झांसी में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में भारी भीड़ देखने को मिली. चंद्रशेखर के मंच पर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया. सूत्रों के अनुसार, इस सम्मेलन में बसपा के कई कार्यकर्ता भी शामिल हुए, जिसने बसपा खेमे में खलबली मचा दी. चंद्रशेखर ने कार्यकर्ताओं से अनुशासन बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि बहुजन समाज को एकजुट और संगठित होने की जरूरत है.
हालांकि, इस मामले पर बसपा की ओर से तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन मायावती ने हाल ही में चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए उन्हें “बरसाती मेंढक” करार दिया था और कहा था कि ऐसे नेता बहुजन समाज का भला नहीं कर सकते. मायावती ने यह भी आरोप लगाया था कि चंद्रशेखर जैसे नेता कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे दलों के इशारे पर काम करते हैं और बहुजन एकता को कमजोर करने की कोशिश करते हैं.
चंद्रशेखर आजाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नगीना सीट से जीत हासिल की थी और तब से उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. खासकर युवाओं और दलित समुदाय में उनकी पैठ मजबूत होती जा रही है. उनकी आक्रामक और जमीनी राजनीति ने उन्हें बहुजन समाज के एक उभरते हुए नेता के रूप में स्थापित किया है.
चंद्रशेखर ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य बहुजन समाज को सत्ता में लाना है. इसके लिए हम पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक पूरी ताकत से लड़ेंगे.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.
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