नई दिल्ली। गुरुवार रात 8 बजे भारत के कई शहरों को निशाना बनाकर पाकिस्तान(Pakistan) ने भारत (India)के साथ जंग छेड़ दी है. हालांकि, भारतीय सेना(Indian Army) ने पाकिस्तान के किसी भी मिसाइल और ड्रोन अटैक(Missile and drone attacks) को कामयाब नहीं होने दिया है, और रात से ही भारतीय फौज पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. मैदान के साथ-साथ भारत सरकार और सेना पाकिस्तान को कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर भी घेर रही है. आज वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है जिसमें भारत इस पड़ोसी देश को मिलने वाले आर्थिक पैकेज का विरोध करेगा. भारत सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह पाकिस्तान के लिए अपने बेलआउट पैकेज पर आईएमएफ को अपने विचार बता सकता है.
आईएमएफ आज पाकिस्तान के एक्टेंडेड फंडिंग फैसिलिटी (EFF) की समीक्षा करेगा. इसके बाद ही तय होगा कि पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर (करीब 11.30 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज दिया जाए या नहीं. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक शुक्रवार को वैश्विक निकाय के बोर्ड की बैठक के दौरान देश का पक्ष रखेंगे.
तरक्की के लिए मांगता पैसा, आतंकवादियों को देता
उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “मुझे यकीन है कि हमारे कार्यकारी निदेशक भारत का पक्ष रखेंगे.” उन्होंने कहा, “बोर्ड का फैसला अलग मामला है…लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान के केस में उन लोगों को पता होना चाहिए जो इस देश को बचाने के लिए उदारतापूर्वक आर्थिक पैकेज देते हैं.” विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान के लिए स्वीकृत 24 बेलआउट पैकेजों में से कई सफल निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं.
नहीं मिला पैकेज को भूखमरी की नौबत
दरअसल, पाकिस्तान पिछले 3-4 सालों से नकदी संकट और महंगाई से जूझ रहा है, और इससे उभरने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ समेत कई देशों से मदद मांग चुका है. इसके लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड पाकिस्तान को इकनॉमिक स्टेबिलिटी के लिए बेलआउट पैकेज दे चुका है. भारत ने पहले भी यह आरोप लगा चुका है कि पाकिस्तान इस रकम का इस्तेमाल तरक्की के लिए इस्तेमाल करने के बजाय आतंकी संगठनों की मदद के लिए करता है. इसलिए इस तरह के किसी भी कर्ज को मंजूरी नहीं दिया जाना चाहिए.
बता दें कि पहले से ही आर्थिक बदहाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए फिलहाल एक ही उम्मीद बची है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस समय आईएमएफ से कर्ज यानी बेलआउट पैकेज लेना जीने-मरने जितना जरूरी है.
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