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संतों को जहर देकर मारने की साजिश को लेकर प्रयागराज से लखनऊ तक मची खलबली, आरोपी गिरफ्तार

प्रयागराज । संतों (saints) को जहर (Poison) देखकर मारने की साजिश की खबर से प्रयागराज (Prayagraj) से लेकर लखनऊ (Lucknow) तक खलबली मची रही। न केवल पुलिस बल्कि खुफिया एजेंसियों (intelligence agencies) ने भी संदिग्ध विक्रम (Vikram) से पूछताछ की। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि विक्रम परी अखाड़ा (Vikram Pari akhada) को मान्यता दिलाने के नाम पर त्रिकाल भवंता को ठगने आया था। विक्रम के खिलाफ नैनी पुलिस ने रविवार रात एफआईआर दर्ज कर ली। उस पर हत्या की साजिश रचने, ठगी और फर्जीवाड़ा करने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पूछताछ के बाद आरोपी बागपत निवासी विक्रम को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने विक्रम और योगेंद्र के नाम के दो फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किए हैं।

पुलिस ने विक्रम से पूछताछ की तो उसने आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद या किसी संत को जहर देने की बात कहने से साफ इनकार किया। लेकिन उसने स्वीकार किया कि वह हरिद्वार में कैलाशानंद से मिलने उनके आश्रम में गया था। वहां पर उसने गोसेवा के लिए चंदा भी दिया था। पुलिस ने उसके मोबाइल की गूगल हिस्ट्री खंगाली तो पता चला कि विक्रम ने परी अखाड़े की संपत्ति कितनी है, यह सर्च किया था। इसके अलावा त्रिकाल भवंता की प्रॉपर्टी की जानकारी एकत्र की थी। जब पुलिस ने यह हिस्ट्री दिखाई तो विक्रम ने अपना जुर्म कबूल किया। उसने कहा कि वह त्रिकाल भवंता को अखाड़ा परिषद से मान्यता दिलाने के लिए मिलने आया था। उसने कहा था कि कुछ खर्च करने पर वह आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद से मान्यता दिला देगा। पुलिस के उसके पास से दो नाम के आधार कार्ड भी मिले हैं।


पुलिस की नौकरी के लिए कम कराई थी उम्र जानकारी पर बागपत पुलिस विक्रम के घर पहुंच गई। पुलिस ने बताया कि बागपत के रहने वाले यशपाल सिंह की पत्नी ऊषा और दो बेटे विक्रम व परविंदर है। विक्रम पुलिस में नौकरी करना चाहता था। विक्रम की कुंडली योगेंद्र शर्मा के नाम से बनी है। उसका आधार कार्ड योगेंद्र शर्मा के नाम से बना है। हाईस्कूल अंकपत्र पर भी उसका नाम योगेंद्र शर्मा है। बाद में यूपी पुलिस की भर्ती में शामिल होने के लिए उसने अपनी उम्र कम करने के लिए फर्जीवाड़ा किया। उसी आधार कार्ड नंबर पर विक्रम के नाम से दूसरा आधारकार्ड बनवाया। इसमें उम्र पांच साल कम किया। इसी आधार पर उसने हाईस्कूल का दूसरा मार्कशीट बनवाया। नैनी पुलिस ने शनिवार को जब विक्रम को पकड़ा तो उसके पास से विक्रम का आधार कार्ड मिला। संदिग्ध की जांच के लिए बागपत पुलिस उसके घर पहुंची तो वहां पर योगेंद्र शर्मा के नाम से आधार कार्ड मिला।

त्रिकाल भवंता ने दर्ज कराई एफआईआर
परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता ने एफआईआर दर्ज कराई है कि बागपत निवासी विक्रम कुमार शनिवार को उनसे मिलने आश्रम में पहुंचा। बातचीत के दौरान विक्रम ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने एक जनवरी को हरिद्वार में कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें अखाड़े के सभी संत शामिल होंगे। उसने कार्यक्रम के प्रसाद में जहर मिलाने की साजिश रची है। वह हरिद्वार स्थित कैलाशानंद के आश्रम में घूमकर आया है। यह भी कहा कि महामंडलेश्वर ने उसकी नौकरी लगाने के नाम पर 20 लाख रुपये हड़पे हैं। वह बदला लेना चाहता है। इसलिए वह परी अखाड़ा प्रमुख की मदद लेना चाहता है। एक-दो करोड़ रुपये का इंतजाम करने के लिए कहा था।

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