नई दिल्ली । भारत और इंग्लैंड(India and England) के बीच 20 जून से शुरू हो रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज(5 test match series) में भारतीय क्रिकेट(Indian Cricket) का ही नया युग शुरू नहीं होगा बल्कि यह भारत-इंग्लैंड क्रिकेट की भी नई शुरुआत होगी. दरअसल यह टेस्ट सीरीज उस ट्रॉफी के लिए नहीं खेली जाएगी, जिसके लिए पिछले 17 साल से भारत और इंग्लैंड की टेस्ट टीमों के बीच मुकाबला होता रहा है. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज (India vs England Test) की नवाब पटौदी ट्रॉफी (Nawab Pataudi Trophy) को रिटायर कर दिया है. इसकी जगह अब एक नई ट्रॉफी लेगी, जिसे तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी (Tendulkar Anderson Trophy) का नाम दिया गया है. यह फैसला करीब 2 महीने पहले ही कर लिया गया था, जिस पर बोर्ड फॉर क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (BCCI) की सहमति के बाद अब फाइनल मुहर लगा दी गई है.
11 जून को सामने आएगी नई ट्रॉफी
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की नई ट्रॉफी 11 जून को सामने आएगी. इसका अनावरण ‘क्रिकेट का मक्का’ कहलाने वाले लॉर्डस क्रिकेट स्टेडियम (Lords Cricket Stadium) में किया जाएगा. ESPNCricInfo की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रॉफी का अनावरण वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) के दौरान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और जेम्स एंडरसन (James Anderson) के ही हाथों कराया जाएगा, जिस पर इन दोनों का नाम भी लिखा होगा. ‘God of Cricket’ के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा 15,921 रन बनाए हैं. इसी तरह जेम्स एंडरसन 188 टेस्ट मैच में 704 विकेट के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं. दोनों को ही क्रिकेट इतिहास के महान क्रिकेटरों में शुमार किया जाता है. साथ ही दोनों को क्रिकेट पिच पर आपसी प्रतिद्वंद्विता के लिए भी जाना जाता है. सचिन तेंदुलकर को सबसे ज्यादा बार आउट करने वाले गेंदबाजों में जेम्स एंडरसन भी एक रहे हैं.
17 साल पहले शुरू की गई थी पटौदी ट्रॉफी
नवाब पटौदी भारत के लिए अपने समय के सबसे युवा कप्तान और सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले क्रिकेटर थे. टाइगर पटौदी के नाम से मशहूर नवाब पटौदी के पिता नवाब इफ्तिखार अली खां पटौदी ने भारत और इंग्लैंड, दोनों के लिए क्रिकेट खेली थी. उन्हें नवाब पटौदी सीनियर कहा जाता था. गुरुग्राम के पास पटौदी रियासत के नवाब के नाम पर भारत-इंग्लैंड की टेस्ट ट्रॉफी पहली बार 2007 में खेली गई थी. साल 2007 में भारत-इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट मैच के 75 साल पूरे होने पर पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत की गई थी. इससे पहले यह ट्रॉफी पूर्व BCCI अध्यक्ष के नाम पर एंथोनी डिमेलो ट्रॉफी कहलाती थी.
गावस्कर से शर्मिला टैगोर तक, सब हुए थे नाराज
ईसीबी ने दो महीने पहले पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने की घोषणा की थी. इस खबर को सुनने के बाद महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) बेहद नाराज हुए थे. उन्होंने इसे परेशान करने वाली खबर बताया था. साथ ही कहा था कि यह इतिहास में अपनी तरह का पहला फैसला होगा. यह इंग्लैंड और भारत दोनों में क्रिकेट में पटौदी के योगदान के प्रति संवेदनशीलता की पूरी कमी को दर्शाता है. पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने की खबर पर वेटरन बॉलीवुड एक्ट्रेस और दिवंगत नवाब पटौदी की पत्नी शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) ने भी आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि BCCI टाइगर की विरासत को याद रखना चाहता है या नहीं, ये उसे तय करना है.
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