भोपाल। पेट्रोल (Petrol) व डीजल (Diesel) के बढ़ते दामों (Prices) की वजह से अब लोग ई वाहन (E-Vehicle) के विकल्प पर विचार करने लगे हैं। यही कारण है कि परिवहन विभाग ( Transport Department) में पहले की अपेक्षा ई-वाहन अब ज्यादा रजिस्टर्ड हो रहे हैं। पूरे प्रदेश में पिछले सवा साल में 17 हजार 462 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) में ई-रिक्शा (E-Rickshaw) जगह ले रहा है, वहीं बाइक की जगह ई-स्कूटर (E-scooter) बना रहा है। जब पेट्रोल 100 रुपए से नीचे था, तब ई-स्कूटर आसानी से मिल जाता था, लेकिन पेट्रोल के दाम 100 रुपए से ऊपर पहुंचने के बाद ई-स्कूटर की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे में प्रदेश के डीलरों पर तीन महीने की वेटिंग चल रही है। भोपाल आरटीओ में अब तक 930 ई स्कूटर रजिस्टर्ड हुए हैं, जबकि इंदौर (Indore) में 1024 व ग्वालियर (Gwalior) में 345 ई-स्कूटर रजिस्टर्ड हुए हैं, लेकिन ई रिक्शा की सबसे ज्यादा बिक्री ग्वालियर (Gwalior) में दर्ज हुई है। यहां 2358 ई रिक्शा रजिस्टर्ड हुए हैं। परिवहन विभाग में ई वाहन के रजिस्ट्रेशन पर एक फीसदी टैक्स लगता है। उन सभी गाडिय़ों को विभाग में रजिस्ट्रर्ड कराना होता है, जिनकी रफ्तार 40 किमी प्रतिघंटा से अधिक है। यदि 40 किमी प्रतिघंटा से गति कम है तो वाहन के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। लीथियम बैटरी (Lithium Battery ) का वाहन एक बार चार्ज होने पर 70 किमी तक चलता है। इसकी बैटरी चार घंटे में चार्ज होती है और एक यूनिट बिजली (Electricity) खपत करती है, जबकि साधारण बैटरी छह घंटे में चार्ज होती है। ग्वालियर में वेटिंग बढऩे से गाड़ी आसानी से नहीं मिल पा रही है, इसलिए रजिस्ट्रेशन कम है।
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