नई दिल्ली । भारत (India) ने 5 फरवरी को हथकड़ी और बेड़ियों में बंधे हुए भारतीय (Indian) को लेकर अमेरिकी सेना का विमान सैन एंटोनियो (US Army Aircraft San Antonio) से अमृतसर (Amritsar) में लौटा. तस्वीर काफी भयावह थी. जिसने भी देखा उसके आंखों में आंसू आ गए. आखिर इन निर्वासितों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों? बजट सत्र के संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. सरकार विपक्ष के सारे सवालों के जवाब दिए, साथ अमेरिका के इस कदम का विरोध किया है. अब लोगों के मन में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 से 13 फरवरी को अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं, तो क्या वह अमेरिकी राष्ट्रपति के समक्ष इस दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाएंगे. सरकारी सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के समक्ष ऐसे व्यवहार का मुद्दा उठा सकते हैं.
104 भारतीयों को डिपोर्ट करने के बाद एक सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की कि 96 और सत्यापित भारतीय नागरिक हैं जिन्हें जल्द ही भारत निर्वासित किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा उठा सकते हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक होगी.
अमेरिका के व्यवहार पर सरकारी बयान
टीओआई से बात करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसके बारे में जानकारी दी. सवाल- क्या भारत ने ब्राजील की तरह अपने नागरिकों के साथ किए गए व्यवहार का आधिकारिक रूप से विरोध किया है? पर जवाब देते उन्होंने कहा, ‘हां, हमने अमेरिका के साथ (दुर्व्यवहार पर) अपनी चिंताएं दर्ज कराई हैं.’ मिसरी ने मीडिया ब्रीफिंग में यह भी कहा, ‘अमृतसर में निर्वासियों को लैंड कराना, पहले की तुलना में “थोड़ा अलग प्रकृति” का था. ट्रंप प्रशासन ने निर्वासन को राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान के रूप में वर्णित किया है. शायद यही एक कारण है कि सैन्य विमान का इस्तेमाल किया गया.’
99 और भेजे जएंगे
मिसरी ने बताया कि अमेरिका 487 संभावित भारतीय नागरिक को देश से निकालने का आदेश दिया है. इनमें से, ट्रंप प्रशासन ने 295 लोगों की जानकारी शेयर किया है, जिनके भारतीय मूल की पुष्टि भारतीय अधिकारियों द्वारा की जा रही है. TOI के मुताबिक अमेरिका ने शुरू में निर्वासन के लिए 203 भारतीयों के नाम शेयर किए है, उसमें से 104 भारतीयों को भारत भेज चुका है. शेष 99 में से, भारत ने 96 लोगों की नागरिकता सत्यापित की है, जिनके भारत आने वाली अगली निर्वासन उड़ान में होने की उम्मीद है.
जयशंकर ने क्या कहां?
भारतीयों के निर्वासन पर गुरुवार को संसतद में जमकर हंगामा हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा, ‘अमेरिकी निर्वासन को इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा 2012 के SOP के अनुसार किया जाता रहा है. प्रतिबंधों की अनुमति देता है और भारत यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क कर रहा है कि निर्वासितों के साथ दुर्व्यवहार न हो. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने उस समय अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष विरोध दर्ज कराया था, तो विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि ऐसे किसी भी विरोध का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
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