इंदौर न्यूज़ (Indore News)

एक माह से शहर की हवा में ‘जहर’

– 15 अक्टूबर से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर
– एक माह में एक बार फिर एक्यूआई नहीं आया 100 के नीचे
– एक माह में तीन दिन ऐसे जब प्रदूषण का स्तर 200 अंकों से भी आगे निकला
– 30 प्रतिशत बढ़े सांस के मरीज
इंदौर।  लगातार छह बार स्वच्छता (cleanliness) में नंबर वन (number one) रहने वाले इंदौर (indore) के हवा (air) में लगातार जहर घूल रहा है। यहां की वायु में प्रदूषण (pollution) का स्तर लगातार बढ़ रहा है। खुद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले एक माह से एक भी दिन प्रदूषण का स्तर बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स (air quality index) (एक्यूआई) 100 अंकों से नीचे नहीं आया है, जो गंभीर है। एक्सपर्ट इसके लिए शहर में चल रहे निर्माण कार्यों, पराली जलाने, ट्रैफिक और कुछ हद तक मौसम (weather) को भी जिम्मेदार बता रहे हैं।


इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण
इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डीके वाघेला ने बताया कि शहर में एमजी रोड को चौड़ा करने के लिए बड़ा गणपति से कृष्णपुरा तक काम चल रहा है। ट्रैफिक जाम भी बहुत हो रहा है। वहीं इंदौर सहित आसपास के क्षेत्रों में फसलों की कटाई के बाद बचे हुए कचरे (नरवाई या पराली) को जलाने की घटनाएं भी हो रही है।इस पर प्रतिबंध के बाद भी किसान लगातार ऐसा कर रहे हैं। इसके कारण हवा में कार्बन पार्टिकल्स काफी बढ़ रहे हैं। साथ ही ठंड बढऩे के साथ ही हवा की गति भी कम हो गई है। इन कारणों से भी हवा में प्रदूषण (pollution) का स्तर बढ़ रहा है।


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर में रीगल स्थित पुलिस मुख्यालय पर कंटिन्युअस पॉल्युशन मॉनिटरिंग स्टेशन के माध्यम से हर पर प्रदूषण (pollution) पर नजर रखी जाती है। यहां दर्ज प्रदूषण के स्तर को देखें तो सामने आता है कि पिछले माह 15 अक्टूबर के बाद से आज तक यानी 31 दिनों में प्रदूषण का स्तर एक बार भी 100 अंकों से नीचे नहीं आया है। आज सुबह से भी एक्यूआई 123 अंकों पर बना हुआ है। इस दौरान प्रदूषण (pollution) के प्रमुख घटक पीएम-10 यानी सूक्ष्म धूल कणों का स्तर 216 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक गया है, जो अच्छा नहीं है।
ऐसे समझें प्रदूषण के स्तर को
– 0 से 50 – अच्छा (गुड)
– 50 से 100 – संतोषजनक (सेटिस्फेक्टरी)
– 100 से 200 – मध्यम (मोडरेट)
– 200 से 300- खराब (पुअर)
– 300 से 400 – बहुत खराब (वेरी पुअर)
– 400 से 500 – अति गंभीर (सीवर)
(जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक)


तीन दिन एक्यूआई 200 से भी ज्यादा
पिछले 31 दिनों को देखें तो सामने आता है कि इस दौरान प्रदूषण (pollution) का स्तर लगातार 100 के उपर ही बना रहा है। वहीं इनमें से तीन दिन ऐसे भी रहे हैं, जब प्रदूषण का स्तर 200 अंकों से भी आगे निकला है। ऐसा 23 अक्टूबर (202), 25 अक्टूबर (262) और 5 नवंबर (203) को हो चुका है। इस दौरान पीएम-10 का अधिकतम स्तर 500 तक भी पहुंचा है। अक्टूबर के दिनों को दिवाली पर हुई आतीशबाजी से भी जोड़ा जा रहा है।
30 प्रतिशत बढ़े सांस के मरीज
शहर के वरिष्ठ श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ रवि डोसी ने बताया कि मौसम बदलने के साथ ही प्रदूषण (pollution) का स्तर बढऩे से सांस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले महीने से तुलना करें तो ऐसे मरीज 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। इनमें सांस के साथ ही अस्थमा और लंग्स के मरीज भी शामिल हैं। उन्होंने सलाह दी कि जिन लोगों को सांस की बीमारी है, वे ऐसे माहौल में बाहर निकलते हुए हमेशा मास्क लगाए, ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों में जाने से बचें। थोड़ी भी समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
कैसे निकाला जाता है एक्यूआई
बोर्ड द्वारा हवा में घूले घूल सूक्ष्म धूल कण जिनका आकार पीएम-10 और पीएम-2.5 में देखा जाता है के साथ ही हवा में घूली अन्य गैसों को एक फार्मूले के आधार पर गणना कर एक्यूआई निकाला जाता है। इसमें सबसे प्रमुख होता है वायु प्रदूषण (pollution) का प्रमुख घटक पीएम-10 यानी वे सूक्ष्ण धूल कण जो सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर बीमारियों का कारण बनते हैं।

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