बेंगलूरु । कोरोना (Coronavirus) के बाद लगे लॉकडाउन (Lockdown) में लोगों ने बहुत सारे काम निपटाए। कुछ लोग वर्षों से परिवार को समय नहीं दे पा रहे थे। वो परिवार के साथ रहे। कुछ लोग ने फिटनेस पर जोर दिया। कुछ ने जुगाड़ पर काम किया। और वो जुगाड़ कामयाब भी रहे। Prathamesha Sutara 10वीं में पढ़ते हैं और उन्होंने लॉकडाउन के दौरान खुद से ही इलेक्ट्रिक बाइक (Electric Bike) बना दी।
प्रथमेश कर्नाटक के बेलगाम के रहने वाले हैं। कोरोना काल में उन्होंने खुद से ये बाइक बनाई। दिलचस्प बात ये है कि इस बाइक को बनाने में उन्होंने कबाड़ (trash) का इस्तेमाल किया। प्रथमेश ने बताया कि ये बाइक एक बार बैटरी (Battery) चार्ज करने पर 40 किलोमीटर चल जाती है। उनके पिता प्रकाश पेशे से इलेक्ट्रीशियन (Electrician) हैं जब उन्होंने देखा कि उनके बेटे ने इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है तो उन्हें काफी खुशी हुई।
Prathamesha ने सारा सामान अपने पिता के गैराज (Garage) से लिया। इसी सामान से उन्होंने ये बाइक तैयार कर दी। उन्होंने लीड एसिड बैटरी खरीदी। जिससे इसे चार्जेबल मोटर बनाया जा सके। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, ‘आज पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। लॉकडाउन में स्कूल बंद थे तो मैंने कुछ करने की ठानी। मैंने ये बाइक अपने पिता की मदद करने के लिए बनाई है।’
प्रथमेश आगे बताते हैं, ‘एक बार चार्ज करने पर ये 40 किलोमीटर का सफर तय करती है। इसकी स्पीड भी 40 किलोमीटर ही है।’ इतना ही नहीं, इसमें रिवर्स गियर भी है। उनके पिता का कहना है, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मेरे बेटे ने इस खाली समय का सही उपयोग किया है। एक इलेक्ट्रीशियन होने के बाद मुझे भी बैटरी के बारे में इतना ज्ञान नहीं है। मुझे पता है मेरा बेटा एक दिन बहुत बड़ा काम करेगा और हमें उसपर गर्व है।’
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