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ममता बनर्जी की भवानीपुर सीट से वोटर बने प्रशांत किशोर, भाजपा ने उठाए सवाल

कोलकाता। बिहार (Bihar) के बक्सर जिले (Buxar District) के रहने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) का नाम हाल ही में पश्चिम बंगाल (West Bengal) के भवानीपुर (Bhawanipur) की मतदाता सूची में जोड़ा गया है। चुनाव आयोग (election Commission) की वेबसाइट के अनुसार प्रशांत किशोर 159 विधानसभा सीट भवानीपुर के मतदाता हैं।

प्रदेश भाजपा ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के हालिया चुनावों में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली पार्टी के चुनाव सलाहकार रहे प्रशांत किशोर को भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में नामांकित होने के कारण उन्हें ‘बोहिरागातो’ कहा जा सकता है।

भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी सप्तर्षि चौधरी ने बंगाली में ट्वीट किया, ‘आखिरकार प्रशांत किशोर भवानीपुर के मतदाता बन गए। इसलिए, हमें यकीन नहीं है कि बंगाल की बेटी अब बहिरगातो (बाहरी) मतदाता के पक्ष में है या नहीं।’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, टीएमसी और टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष के आधिकारिक खातों को टैग करते हुए ट्वीट में हाल के विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल के बाहर से आने वाले भाजपा नेताओं को तृणमूल द्वारा ‘बहीरगातो’ टैग का उल्लेख किया गया था।


प्रशांत किशोर, जो तृणमूल कांग्रेस के सलाहकार रहे हैं, ने ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर से मतदाता के रूप में नामांकन कराया है। भवानीपुर वहीं विधानसभा सीट है जहां 30 सितंबर को उप-चुनाव होने हैं और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी इस उप-चुनाव में मैदान में हैं। ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव बेहद अहम है क्योंकि इस सीट से जीतने के बाद ही वो राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर बनी रह सकती हैं। 

प्रशांत किशोर के भवानीपुर से मतदाता बनने पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब तृणमूल कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की भवानीपुर से राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है?

टीएमसी के नेता सौगत रॉय ने कहा कि अगर कोई राज्यसभा चुनाव में हिस्सा लेना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो। मीडिया से बातचीत में सौगत रॉय ने कहा, ‘मैं देखता हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वो एक भारतीय नागरिक हैं और किसी भी राज्य के वोटर बन सकते हैं। दूसरी बात यह है कि अगर कोई राज्यसभा का चुनाव लड़ना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो। मैं उनकी योजना के बारे में नहीं जानता।’


जब उनसे यह पूछा गया कि क्या टीएमसी उन्हें राज्यसभा भेजेगी। इसपर उन्होंने कहा कि वो इसके बारे में नहीं जानते हैं। बता दें कि इसी महीने टीएमसी नेता अर्पिता घोष ने पार्टी के निर्देश पर राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से यह सीट खाली है।

फिलहाल ‘ब्रेक’ पर प्रशांत किशोर
फिलहाल प्रशांत किशोर ‘ब्रेक’ पर चल रहे हैं और आगामी चुनावों से खुद को दूर रख सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर के किसी भी पार्टी के लिए रणनीति बनाने की संभावनाएं नहीं हैं। हालांकि पिछले कुछ समय में पीके के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन अब तक इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका है और अटकलें ही लग रही हैं।

महीने की शुरुआत में प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों ने बताया था कि उन्होंने ब्रेक लेने का फैसला किया है और अगले साल मार्च से पहले वह कोई भी असाइनमेंट नहीं लेंगे। सूत्र ने यह भी कहा, ‘वह अगले साल तक किसी भी पार्टी के अंदर या बाहर से कोई भूमिका नहीं निभाएंगे।’ साथ ही पीके ने एलान किया था कि वह जो काम करते आ रहे हैं, अब वह नहीं करेंगे।

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