वाशिंगटन। अफगानिस्तान से सैन्य वापसी और वहां तालिबान शासन के बाद अमेरिका ने पूरी तरह से इस देश से पीछा छुटाने का निर्णय लिया है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के एक ‘प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी’ का दर्जा रद्द करने की घोषणा की।
राष्ट्रपति बाइडन ने पत्र में कहा, “1961 के विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 517 के अनुसार, संशोधित (22 यूएससी 2321k) के अनुसार, मैं एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को रद्द करने की घोषणा करता हूं। दरअसल, जुलाई 2012 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित किया था।
पिछले साल बुला ली थी सेना वापस
दरअसल, अमेरिका ने पिछले साल अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाने की घोषणा कर दी थी। इसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमले शुरू कर दिए। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान में घुस गए और सितंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान में पूर्ण जीत की घोषणा कर दी। इसके बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। हालांकि, अभी तक किसी भी देश द्वारा आधिकारिक रूप से इस सरकार को मान्यता नहीं मिली है।
महिलाओं पर लगाई कई पाबंदियां
तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होते ही घोषणा की थी कि यह नया तालिबान है। हालांकि, अंतरिम सरकार के गठन के बाद तालिबान फिर से उसी पुराने अंदाज में आ गया और इस्लाम का हवाला देकर महिलाओं पर सख्त नियम लागू कर दिए। ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के अनुसार, तालिबान ने सभी महिलाओं को सिविल सेवा में नेतृत्व के पदों से बर्खास्त कर दिया और अधिकांश प्रांतों में लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में जाने से रोक दिया। तालिबान का फरमान महिलाओं को तब तक यात्रा करने से रोकता है जब तक कि एक पुरुष रिश्तेदार के साथ न हो। इसके अलावा महिलाओं के चेहरों को सार्वजनिक रूप से ढकने का आदेश भी पारित कर दिया।
