कीव। यूक्रेन से जारी संघर्ष (conflict with Ukraine) के बीच रूस (Russia) ने लगातार तीखे तेवर दिखाए जिसकी वजह से अमेरिका (America) सहित कई यूरोपीय देशों (European countries) ने ताबड़तोड़ प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया था। इस बीच अब रूस कूटनीतिक तौर पर फिर से सक्रिय नजर आ रहा है, हालांकि रूस युक्रेन पर अपनी सैन्यशक्ति का लगातार उपयोग कर रहा है।
दूसरी तरफ यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) ने कहा है कि इस युद्ध अब तक यूक्रेन का 20 प्रतिशत हिस्से पर रूस का कब्जा हो गया है, जबकि दो लाख से अधिक यूक्रेन के बच्चों को रूसी सैनिकों(Russian soldiers) द्वारा जबरन रूस ले जाया गया है। इनमें अनाथालय से ले जाए गए, माता पिता के साथ ले जाए गए और अपने परिवारों से अलग हो गए बच्चे शामिल हैं।
बता दें कि 24 फरवरी को शुरू हुए इस संघर्ष के 100 दिन हो गए हैं। ऐसे में ये समझना जरूरी है कि रूस का यूक्रेन के किन क्षेत्रों पर नियंत्रण है? रूस का डोनबास के 95% हिस्से पर नियंत्रण माना जा रहा है, इसमें मारियूपोल भी शामिल है।
यूक्रेन को जीता नहीं जा सकता, बोले जेलेंस्की
राष्ट्रपति जेलेंस्की (President Zelensky) ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि इस अपराधिक नीति का मकसद लोगों की चोरी करना भर नहीं है, बल्कि ले जाए लोगों की यूक्रेन की यादों को मिटाना है और उन्हें लौटने के काबिल नहीं छोड़ना है। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन दोषियों को दंडित करेगा लेकिन पहले वह रूस को युद्ध के मैदान में दिखा देगा कि यूक्रेन को जीता नहीं जा सकता, हमारे लोग आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और हमारे बच्चे आक्रमणकारियों की संपत्ति नहीं बनेंगे।
तेल को लेकर रूस की कूटनीति फिर से शुरू
दरअसल, रूस पर भले ही अमेरिका और कई यूरोपीय देश तमाम प्रतिबंध लगा चुके हैं लेकिन ओपेक प्लस एक ऐसा समूह है जिसके जरिए रूस ने तेल की कूटनीति एक बार फिर से शुरू कर दी है और इसमें सऊदी अरब उनका साथ खुलकर दे रहा है। रूसी तेल पर यूरोपीय संघ भी जल्द ही पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने वाला है लेकिन इन सबके बाद भी सऊदी रूस से अपनी साझेदारी जारी रखेगा। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा है कि सऊदी अरब ओपेक प्लस से एक समझौता करने वाला है।