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मुख्य आरोपी येर्रा गंगी रेड्डी ने सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में


हैदराबाद । आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री (Former Minister of Andhra Pradesh) वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में (In YS Vivekananda Reddy Murder Case) मुख्य आरोपी (Prime Accused) येर्रा गंगी रेड्डी (Yerra Gangi Reddy) ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के निर्देश पर (On the Directions of the Telangana High Court) शुक्रवार को सीबीआई अदालत में (In CBI Court) आत्मसमर्पण कर दिया (Surrendered) । सीबीआई कोर्ट ने उन्हें 2 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्हें चंचलगुडा सेंट्रल जेल शिफ्ट किया जाएगा।


उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को गंगी रेड्डी की जमानत रद्द कर दी थी और उन्हें 5 मई तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि चूंकि सीबीआई 30 जून को सुनवाई पूरी करने वाली है, इसलिए गंगी रेड्डी को 1.50 लाख रुपये के निजी मुचलके पर 1 जुलाई को जमानत दी जा सकती है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सनसनीखेज मामले की जांच पूरी करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी थी। सीबीआई ने इस आधार पर जमानत रद्द करने की मांग की कि गंगी रेड्डी मुख्य आरोपी हैं और मामले के प्रमुख गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि गंगी रेड्डी को राजनीतिक समर्थन प्राप्त है और वह अपने कनेक्शन के जरिए गवाहों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। आंध्र प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी), जो तब हत्या के मामले की जांच कर रही थी, ने 28 मार्च, 2019 को गंगी रेड्डी को गिरफ्तार किया।

रेड्डी को 27 जून, 2019 को पुलिवेंदुला की एक स्थानीय अदालत ने डिफॉल्ट जमानत दे दी थी, क्योंकि एसआईटी निर्दिष्ट अवधि में चार्जशीट दाखिल करने में विफल रही थी। सीबीआई ने जांच अपने हाथ में लेने और चार्जशीट दायर करने के बाद, उसकी जमानत रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने सीबीआई की याचिका खारिज की थी। बाद में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में हत्या के मामले की सुनवाई आंध्र प्रदेश से हैदराबाद की सीबीआई अदालत में स्थानांतरित कर दी थी। इसके चलते, शीर्ष अदालत ने सीबीआई को गंगी रेड्डी की जमानत रद्द करने के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।

विवेकानंद रेड्डी की चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी। राज्य के 68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी। सीबीआई ने विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर 2020 में मामले की जांच अपने हाथ में ली, जिसने कुछ रिश्तेदारों पर संदेह जताया था। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई और जांच के बारे में सुनीता रेड्डी द्वारा उठाए गए संदेह को देखते हुए मामले को हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया ।

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