लंदन । रानी की मृत्यु के तुरंत बाद सिंहासन बिना किसी समारोह के प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स (Prince of Wales Charles) (73) के पास चला गया। प्रिंस चार्ल्स किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles III) के नाम से जाने जाएंगे। उनके पास फिलिप, आर्थर या जॉर्ज नाम चुनने का विकल्प भी था। उन्हें अपने पिता की उपाधि ड्यूक ऑफ कॉर्नवाल (Duke of Cornwall) विरासत में मिली है।
उनकी पत्नी कैमिला को डचेस ऑफ कॉर्नवाल के नाम से जाना जाएगा। चार्ल्स की पत्नी क्वीन कंसोर्ट कही जाएंगी। पहले 24 घंटों में चार्ल्स को लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में प्रिवी काउंसिल के सामने आधिकारिक तौर पर राजा घोषित किया जाएगा। प्रिवी काउंसिल में वरिष्ठ सांसदों (पुराने व वर्तमान) का एक समूह, वरिष्ठ सिविल सेवकों, राष्ट्रमंडल उच्चायुक्तों और लंदन के लॉर्ड मेयर शामिल होते हैं।
बैठक में महारानी की मृत्यु की घोषणा प्रिवी काउंसिल के लॉर्ड प्रेसिडेंट (वर्तमान में पेनी मोर्डंट, सांसद) द्वारा की जाएगी। इस उद्घोषणा पर प्रधानमंत्री, कैंटरबरी के आर्कबिशप और लॉर्ड चांसलर सहित कई वरिष्ठ हस्तियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।
राजा की पहली घोषणा
प्रिवी काउंसिल फिर से एक दिन बाद बैठेगी। राजा भी प्रिवी काउंसिल की बैठक में भाग लेंगे। फिर नए राजा चर्च ऑफ स्कॉटलैंड को संरक्षित करने की शपथ लेंगे। चार्ल्स को नया राजा घोषित करने के लिए एक सार्वजनिक घोषणा की जाएगी। इसके बाद हाइड पार्क, लंदन के टावर और नौसेना के जहाजों से तोपों की सलामी दी जाएगी। वहीं एडिनबर्ग, कार्डिफ और बेलफास्ट में चार्ल्स को राजा बनाए जाने की घोषणा पढ़ी जाएगी।
औपचारिक रूप से ताज
अंतिम चरण में औपचारिक रूप से चार्ल्स को ताज पहनाया जाएगा। वेस्टमिंस्टर एबे में 900 वर्षों से ताजपोशी हो रही है। पहली बार विलियम द कॉन्करर को वहां ताज पहनाया गया था, चार्ल्स 40वें होंगे। कैंटरबरी के आर्कबिशप सेंट एडवर्ड्स क्राउन को चार्ल्स के सिर पर रखेंगे। यह एक ठोस सोने का मुकुट होता है। इसका वजन 2.23 किलो है। संतरे, गुलाब, दालचीनी, कस्तूरी और एम्बरग्रीस के तेलों से अभिषेक किया जाएगा।
ब्रिटिश राष्ट्रगान में अब क्वीन की जगह किंग शब्द डाला जाएगा। नोटों और सिक्कों पर भी नए राजा चार्ल्स की तस्वीरें होंगी।
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