उज्जैन। प्रशासन के निर्देश पर शहर में 9 सितंबर से प्रायवेट हॉस्पिटल-नर्सिंग होम में कोविड-19 का उपचार प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए मंगलवार को प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम के संचालक रेट लिस्ट को फायनल करेंगे। इन संचालकों के बीच दो चरण में बैठक हो चुकी है। मंगलवार को होने वाली बैठक का मसौदा सीएमएचओ को सौपा जाएगा। उक्त आधार पर कोविड-19 के मरीजों को 09 सितंबर से भर्ती करना प्रारंभ कर दिया जाएगा।
शुल्क को लेकर बन गई है सहमती: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल के अनुसार कल हुई प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम संचालकों की बैठक में तय बातों से मुझे अवगत करवा दिया गया था। इस बात पर सहमती बन गई है कि प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम द्वारा फरवरी-2020 में जो शुल्क लिए जा रहे थे,उसमें 40 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर, नई रेट लिस्ट तैयार होगी। उक्त लिस्ट को सभी प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम अपने यहां सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करेंगे। जो रेट लिखे रहेंगे,वे ही लिए जाएंगे। कोई छिपा हुआ शुल्क मरीज से नहीं वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटैलिटी के रेट में अंतर आ सकता है। बाकी उपचार सभी जगह एक जैसा ही होगा। साथ ही मानीटरिंग की जाएगी। मानीटरिंग के लिए अलग से डॉक्टर्स नियुक्त किए जाएंगे। कलेक्टर के निर्देश पर आगे बढ़ेंगे।
कोविड टेस्ट प्रशासन करवाएगा
सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल के अनुसार प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम में भर्ती होनेवाले संदिग्ध मरीजों का कोविड टेस्ट प्रशासन करवाएगा। इसके लिए फिवर क्लिनिक की टीम जाएगी। मरीज पॉजिटिव होकर भर्ती होने गया है तो उसे प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम के नियम मानने होंगे। यह माना जाएगा कि वह वहां पर स्वैच्छा से सशुल्क उपचार करवाने गया है। यदि उपचार पर खर्च नहीं कर सकता तो हमारे पास आए, हम सरकारी खर्च पर उपचार करवा ही रहे हैं।
इस संबंध में उज्जैन के प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम की एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.चिराग देसाई ने बताया कि 10 प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम में कोविड-19 का उपचार 09 सितंबर से शुरू किया जाएगा। संचालकों की बैठक में तय किया गया है कि हम आयसीयू में 5 बेड रखेंगे।
यहां सीएचएल ही बड़ा हॉस्पिटल है,बाकी तो नर्सिंग होम हैं। अधिक जगह और संसाधन नहीं है। ऐसे में कुछ नर्सिंग होम में 02 से 03 वेंटीलेटर रहेंगे लेकिन आयसीयू में बेड 05 ही रहेंगे। कोशिश होगी कि मरीज को अधिक से अधिक सुविधा,इंदौर की अपेक्षा कम शुल्क में उपलब्ध करवाएं। इसके लिए मरीजों और उनके परिजनों का सहयोग भी अपेक्षित रहेगा।