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पंजाब: यूनाइटेड फ्रंट के CM उम्मीदवार का चेहरा घोषित, मैदान में उतरेगा ये किसान नेता

चंडीगढ़. पंजाब के किसान संगठनों ने बलबीर सिंह राजेवाल को यूनाइटेड फ्रंट का सीएम चेहरा घोषित कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party) के साथ गठबंधन की बातचीत चल रही है. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लीड करने वाले पंजाब (Punjab) के 32 किसान संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर 36 के कन्वेंशन सेंटर में जारी है. जानकारी के मुताबिक, 32 संगठनों में से 28 किसान संगठन ये चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन(alliance) करके किसान चुनाव लड़ा जाए और बलबीर सिंह राजेवाल को किसानों की ओर से बतौर नेता आगे रखा जाए. वे ये भी चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ किसानों की सीट शेयरिंग करके गठबंधन किया जाए. फिलहाल, सबसे अधिक संभावना है कि वे राजनीतिक मोर्चा की घोषणा करेंगे जो 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों (assembly elections) में उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगा.

भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) पंजाब विधानसभा चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा का चेहरा होंगे. हरमीत सिंह कादियान जैसे युवा नेता भी चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इस मोर्चे की आम आदमी पार्टी से बातचीत चल रही है. मालवा बेल्ट के एक किसान नेता ने इंडिया टुडे को बताया कि गठबंधन या सीट बंटवारे के बारे में बातचीत चल रही है. हम अभी तक एक आम राय पर नहीं पहुंचे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही एक राय बन जाएगी. समझौता हो जाएगा.



पंजाब के एक अन्य किसान नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम करीब 35-45 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे या फिर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया जा सकता है. इस बीच बीकेयू उग्रां, बीकेयू सिद्धूपुर, बीकेयू क्रांति, क्रांति किसान यूनियन जैसे संगठन पंजाब के किसान संगठनों के एकजुट राजनीतिक मोर्चे से दूर रह रहे हैं. जबकि कीर्ति किसान यूनियन जैसे अन्य लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी अखाड़े में प्रवेश करते समय इन संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

कीर्ति किसान संघ के सीनियर नेता ने कहा कि हमने किसान संगठनों के यूनाइटेड फ्रंट को चुनाव लड़ने के दौरान एसकेएम के बैनर का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है. साथ ही उन्हें हमारा समर्थन सशर्त होगा. अगर वे किसी राजनीतिक दल के साथ आधिकारिक गठबंधन करते हैं, तो हम अपना समर्थन वापस ले लेंगे.

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