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राजस्थान संकटः सीपी जोशी की याचिका पर आज सुनवाई, पायलट ने दाखिल की कैविएट

नई दिल्ली। राजस्थान के बर्खास्त उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध 23 जुलाई की कार्यसूची के अनुसार जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी। जोशी की इस याचिका पर पायलट खेमे ने कैविएट दाखिल कर कहा है कि बिना उनका पक्ष सुने कोई फैसला ना किया जाए।
इससे पहले राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। जोशी ने अपनी याचिका में कहा कि न्यायपालिका से कभी भी यह अपेक्षा नहीं की गयी थी कि वह ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करेगी, जिससे संवैधानिक गतिरोध पैदा हो। बता दें संविधान के आर्टिकल 136 के तहत सुप्रीम कोर्ट अपने विवेक से, किसी निर्णय या डिक्री या आदेश के खिलाफ अपील करने की विशेष छूट दे सकता है। एसएलपी को विशेष अनुमति याचिका भी कहते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने हाईकोर्ट के 21 जुलाई  के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा है कि यह सुनिश्चित करना शीर्ष अदालत का कर्तव्य है कि संवैधानिक प्राधिकारी अपनी अपनी सीमाओं में रहते हुये अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें और संविधान में प्रदत्त ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन करें। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि वह पायलट एवं 18 अन्य विधायकों की याचिका पर 24 जुलाई को उचित आदेश सुनायेगा। इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस को चुनौती दी गई है। अदालत ने अध्यक्ष से अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने को कहा थाष
विधानसभा अध्यक्ष ने वकील सुनील फर्नांडिस के जरिए दायर याचिका में कहा है कि अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा है और इसलिए अदालत शुक्रवार तक इसे टालने की बात कहकर इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। बाद में एक अन्य मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका जैसी याचिकाओं का तत्काल उल्लेख करने और उन्हें सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत में एक तंत्र होने का मामला उठाया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सिब्बल से कहा कि वह याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का मामला शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष उठाएं। विधानसभा अध्यक्ष के वकील इससे पहले दो बार इन बागी विधायकों को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की समय सीमा बढ़ाने संबंधी हाईकोर्ट के अनुरोध पर राजी हो गये थे।
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है।

 

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