नई दिल्ली। होम लोन (Home loan), पर्सनल लोन (Personal loan) या कार लोन (Car loan) लेने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने एक अहम फैसला लिया है। अब क्रेडिट सूचना कंपनियों (जैसे ट्रांसयूनियन सिबिल) को सिबिल स्कोर की जानकारी वास्तविक समय (रियल-टाइम) में देनी होगी। पहले ये कंपनियां स्कोर को हर 15 दिन में सिर्फ एक बार अपडेट करती थीं। इस नए नियम से लोन लेने वाले लोगों को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है।
क्यों है ये जरूरी?
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने साफ कहा है कि अब डेटा तुरंत भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा, कामकाज ज्यादा कुशल होगा और पारदर्शिता आएगी। स्कोर रियल-टाइम में मिलने से बैंक और एनबीएफसी लोन देते समय जोखिम का बेहतर अंदाजा लगा पाएंगे।
साथ ही, अगर आपने लोन बंद कर दिया है या उसकी किस्त चुका दी है, तो ये जानकारी भी तुरंत दिखेगी, जिससे ग्राहकों का अनुभव बेहतर होगा। डिप्टी गवर्नर ने माना कि इस बदलाव में थोड़ी लागत आएगी, लेकिन इसके फायदे उस लागत से कहीं ज्यादा होंगे।
वैध लोन ऐप्स की लिस्ट जारी
आरबीआई ने एक और बड़ा कदम उठाया है। उसने अपनी वेबसाइट पर कर्ज देने वाले वैध डिजिटल ऐप्स की एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में करीब 1600 ऐप्स के नाम हैं। अब कोई भी ग्राहक चेक कर सकता है कि जिस ऐप से वो लोन लेना चाह रहा है, वो किसी वैध बैंक या एनबीएफसी से जुड़ा है या नहीं।
कौन से ऐप्स हैं शामिल?
इस सूची में गूगल पे (GPay), भारत पे, एक्सिस बैंक का ऐप (एक्सिओ), लेंडिंगकार्ट, नावी, पेटीएम और फोन पे जैसे बड़े फिनटेक ऐप्स शामिल हैं। ये कदम आरबीआई के 2023 के डिजिटल लेंडिंग नियमों के बाद उठाया गया है, जिसमें इस तरह की लिस्ट जारी करने की बात कही गई थी।
क्या है मकसद?
इस पूरी कोशिश का मकसद है डिजिटल लोन देने के काम में पारदर्शिता लाना और नकली या अवैध लोन ऐप्स पर लगाम लगाना। अब इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय भी सुनिश्चित करेगा कि सिर्फ इस लिस्ट में शामिल वैध ऐप्स ही गूगल प्ले स्टोर या ऐप्पल ऐप स्टोर जैसी जगहों पर मिल सकें। आरबीआई इस लिस्ट को अपने आप अपडेट करता रहेगा।
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