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RSS ने पांचजन्य के लेख से बनाई दूरी, कहा- भारत के विकास में इंफोसिस का अहम रोल

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने रविवार को आरएसएस को पांचजन्य-इंफोसिस विवाद से अलग करने की कोशिश करते हुए कहा कि भारत के विकास में इस आईटी दिग्गज की अहम भूमिका थी. यह स्वीकार करते हुए कि कंपनी द्वारा विकसित पोर्टलों के साथ समस्या हो सकती है आंबेकर ने कहा, ‘पत्रिका (पांचजन्य) संघ का आधिकारिक मुखपत्र नहीं था और विचारों को व्यक्तिगत माना जाना चाहिए.’

सुनील आंबेकर ने ट्वीट किया, ‘भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है. इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पान्चजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं, तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है. अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.’

आरएसएस से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य ने आईटी कंपनी इंफोसिस पर एक अभूतपूर्व हमले में आरोप लगाया कि बेंगलुरु स्थित कंपनी जानबूझकर भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. पत्रिका ने कंपनी पर ‘नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की मदद करने का भी आरोप लगाया.


इस साप्ताहिक पत्रिका ने अपनी कवर स्टोरी ‘साख और आगत’ (प्रतिष्ठा और नुकसान) में आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं था जब इंफोसिस ने एक सरकारी परियोजना में गड़बड़ी की थी. लेख में कहा गया है कि सरकारी संगठन और एजेंसियां इंफोसिस को अहम वेबसाइटों और पोर्टल्स के लिए अनुबंध देने में कभी नहीं हिचकिचाती हैं, क्योंकि यह भारत की सबसे प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक है.

हालांकि इस लेख में हैरानी जताई गई है, ‘इंफोसिस द्वारा विकसित जीएसटी और आयकर रिटर्न पोर्टल्स, दोनों में गड़बड़ियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था में करदाताओं के भरोसे को अघात पहुंचा है. क्या इंफोसिस के जरिए कोई राष्ट्रविरोधी ताकत भारत के आर्थिक हितों को अघात पहुंचाने की कोशिश कर रही है?’

हालांकि लेख में उल्लेख किया गया है कि पत्रिका के पास यह कहने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन इसमें कहा गया है कि इंफोसिस पर कई बार ‘नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की मदद करने का आरोप लगाया गया है. इसमें यह भी पूछा कि क्या इंफोसिस ‘अपने विदेशी ग्राहकों को भी इसी तरह की घटिया सेवा प्रदान’ करेगी?

इस मामले में संपर्क करने पर ‘पांचजन्य’ के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि इंफोसिस एक बड़ी कंपनी है और सरकार ने उसकी विश्वसनीयता के आधार पर उसे बहुत अहम कार्य दिए हैं. शंकर ने कहा, ‘इन टैक्स पोर्टल्स में गड़बड़ियां राष्ट्रीय चिंता का विषय हैं और जो इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.’

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