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PM Modi की फोटो पर ब्रिटेन की संसद में हंगामा, विरोध में उतरे भारतीय प्रवासी, जानें क्‍या है मामला

लंदन। भारत(India) और ब्रिटेन (Britain) एक दूसरे को अच्छे दोस्त के रूप में देखते रहे हैं. लेकिन वहां की विपक्षी पार्टी ने उपचुनाव(By Election) के दौरान ऐसी चुनाव सामग्री प्रचारित की जिसका एंटी इंडिया (Anti India) कह कर के विरोध किया गया. ब्रिटेन(Britain) में हुए एक उपचुनाव (By Election) के दौरान ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी यानी लेबर पार्टी (labor party) ने एक ऐसा पर्चा छापा था जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन(PM Boris Johnson) की तस्वीर थी. इस पर लिखा था “Don’t risk a Tory MP who is not on your side”. यानी टोरी सांसद को जिताने का रिस्क न लें जो आपकी साइड नहीं है. इस फोटो को ऐसे दिखाया गया कि मोदी और जॉनसन दोस्त हैं इसलिए जॉनसन की पार्टी को वोट न दें. बहुत से भारतीय प्रवासियों ने इसे ‘एंटी इंडिया’ करार दिया.
मोदी और बोरिस के फोटो का विवाद एक बार फिर ब्रिटेन की संसद में गूंज उठा है. बोरिस जॉनसन ने इसे नस्लभेदी बताते हुए विपक्षी पार्टी से कहा है कि वो इस चुनाव सामग्री को वापस ले. मोदी और जॉनसन का ये फोटो साल 2019 में हुए जी-7 सम्मेलन का है. जिसमें दोनों देशों के प्रधानमंत्री हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं. लेबर पार्टी ने उपचुनाव के दौरान नकारात्मक रूप से प्रचार करने का मुद्दा एक बार फिर उठ गया है.



ये उपचुनाव उत्तरी इंग्लैंड की बैटले एंड स्पेन सीट पर हुए थे. इस चुनाव को लेबर पार्टी ने ही जीता था. इस उप चुनाव के दौरान ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ बोरिस जॉनसन की तस्वीर एक चुनावी पर्चे पर छपवाई थी और उस पर अंग्रेजी में लिखा था ”“Don’t risk a Tory MP who is not on your side”. (टोरी सांसद का जोखिम मत लीजिए, जो आपकी साइड नहीं है). टोरी सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को कहते हैं.” जिस जगह ये उपचुनाव हुए थे वहां सिखों की अच्छी खासी संख्या है, सिखों को अपनी तरफ करने के लिए लेबर पार्टी ने मोदी और जॉनसन की तस्वीर का इस्तेमाल किया था.
जिस समय ये प्रचार सामग्री पब्लिश की गई थी, उसी समय इसका भारी विरोध हुआ था. ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों ने भी लेबर पार्टी की इस हरकत को विभेदकारी बताते हुए आपत्ति जताई थी. लेबर पार्टी के अंदर भी कई सांसदों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि आज भी नस्लवाद है, लेबर पार्टी के अंदर भी नस्लवाद मौजूद है.
अब ब्रिटेन की संसद में ये मुद्दा दोबारा से गर्म हो गया है. बुधवार के दिन ब्रिटिश संसद में नस्लवाद के ऊपर प्रधानमंत्री से सवाल-जवाब का सेशन चल रहा था. तभी ब्रिटेन के PM जॉनसन ने उस प्रचार पत्र को अपने हाथ में लेकर विपक्षी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया और इस चुनावी पत्रक को वापस लेने की मांग की.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है ”क्या मैं ये इनसे इस चुनावी पोस्टर को वापस लेने के लिए कह सकता हूं जो उन्होंने उपचुनाव के दौरान प्रचारित की और जिसे नस्लवादी मानते हुए खुद उनके ही सांसदों ने विरोध किया था.
हालांकि, लेबर पार्टी इस पर किनारा करती रही, और कंजर्वेटिव पार्टी को इस बात के लिए घेरती रही कि इंग्लेंड के फुटबॉल खिलाड़ियों द्वारा झेली गईं नस्लीय टिप्पणियों के खिलाफ कंजर्वेटिव पार्टी ने कोई विरोध क्यों नहीं किया.
भारतीय समुदाय के संगठन कन्जरवेटिव फ्रैंड्स ऑफ इंडिया (सीएफआईएन) ने भी PM मोदी की इस तस्वीर के विवाद पर लेबर पार्टी को घेरा था. सीएफआईएन ने पूछा था कि क्या लेबर पार्टी का कोई प्रधानमंत्री/राजनेता दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ कोई संबंध रखने से इनकार करेगा? क्या ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के 15 लाख से अधिक सदस्यों के लिए आपका यह संदेश है?

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