इंदौर न्यूज़ (Indore News)

न्याय नगर को बना डाला सरस्वती नगर, भूखंडों के टुकड़े भी किए

 


इंदौर। देर रात खजराना थाने पर बब्बू-छब्बू (Babb-Chabbu) के साथ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें छब्बू को तो गिरफ्तार कर लिया, बब्बू हाथ नहीं आया। न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण (Justice Department Employees Home Nirmaam)  द्वारा विकसित न्याय नगर एक्सटेंशन  (Nyaya Nagar Extension) में भूखंडों के बड़े घोटाले हुए हैं। ऑटो ड्राइवर राजेश राठौर ने नोटरी के जरिए भूखंड बेच दिए, तो गुंडागर्दी के बल पर रजिस्ट्री किए हुए भूखंडों पर अवैध मकान अन्य खरीददारों के बनवा दिए और न्याय नगर का नाम सरस्वती नगर तक कूटरचित दस्तावेजों के जरिए कर डाला।


मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने बब्बू-छब्बू, बॉबी सहित अन्य भूमाफियाओं पर भी कड़ी कार्रवाई की घोषणा की। उसके तुरंत बाद पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आया और खजराना थाने पर आवेदक अजय गुप्ता के अलावा एसडीएम अक्षयसिंह मरकाम ने एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें बब्बू-छब्बू के अलावा राजेश सेंगर, अरविन्द सेंगर, अकरम खान, सज्जाद हुसैन, इमरान, समीर शेख और न्याय नगर संस्था के संचालक नितिन पिता चम्पालाल सिद्ध के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। इसमें कहा गया कि न्याय नगर एक्सटेंशन के भूखंड क्रमांक 335 सेक्टर सी की रजिस्ट्री विवेक गंगराड़े के नाम पर 2008 में ही हो गई थी, लेकिन बाद में उसके भूखंड के आधे भाग को श्रीमती कलावती, बजरंग मिश्रा और दूसरे भाग को किसी अन्य को बेच डाला। यानी एक भूखंडों को दो भाग में कूटरचित नोटरी दस्तावेज तैयार कर सरस्वती नगर के नाम से बेच दिया। इस तरह की शिकायतें अन्य भूखंडों के संबंध में भी प्राप्त हुई, जिसके आधार पर प्रशासन ने इस घोटाले में लिप्त भूमाफियाओं के खिलाफ खजराना थाने पर एफआईआर दर्ज करवाई। यह भी उल्लेखनीय है कि न्याय नगर एक्सटेंशन में 300 से अधिक भूखंडों पर इसी तरह का गोरखधंधा हुआ है और डबल रजिस्ट्रियों के अलावा नोटरियों पर भी भूखंड बेच दिए गए और उन पर गुंडागर्दी के बल पर अवैध मकान भी बनवा दिए। अब पुलिस-प्रशासन नगर निगम की सहायता से इन अवैध मकानों को तोडक़र वास्तविक और असल भूखंडधारी को कब्जा दिलवाएगा। कल रात पुलिस ने छापे मारे, उसमें छब्बू सहित राजेश सेंगर, मनोज, राजेश राठौर तो गिरफ्तार कर लिए गए, मगर बब्बू सहित अन्य हाथ नहीं आए। न्याय नगर संस्था भी प्राधिकरण की योजना 171 में शामिल है, जिस पर पिछले कई वर्षों से इसी तरह अवैध कब्जे और निर्माण होते रहे हैं।

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