नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Meghalaya Governor Satya Pal Malik) ने चौकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बतौर गोवा का राज्यपाल (Governor of Goa)सच बोलने की सजा दी गई। मलिक ने कहा कि उन्होंने गोवा की बीजेपी सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था इसी के चलते उन्हें पद से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं लोहियावादी हूं, मैंने चरण सिंह के साथ वक्त बिताया है यही कारण है कि मैं भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने मैंने कोरोना पर लगाम लगाने के लिए सरकार से आग्रह किया था, किन्तु सरकार ने मेरी बात नहीं मानी। नतीजा यह हुआ कि बाद में वही जगह कोरोना का हॉटस्पॉट बन गई।
उन्होंने यह भी कहा कि गोवा सरकार की घर-घर राशन बांटने की योजना अव्यवहारिक थी. ये एक कंपनी के कहने पर किया गया था, जिसने सरकार को पैसे दिए थे। मुझसे कांग्रेस समेत कई लोगों ने जांच करने को कहा था। मैंने मामले की जांच की और प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दी।
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि वो सिर्फ वही बोलते हैं जो उन्हें लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा राज्यभवन को ढहाकर नया भवन बनाना चाहती थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी।