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अब पुरुष आसानी से कर सकेंगे बर्थ कंट्रोल, चुंबक से ही स्पर्म होंगे कंट्रोल

नई दिल्‍ली । अनचाही प्रेग्नेंसी (unwanted pregnancy) को रोकने के लिए महिलाओं (women) के पास कई विकल्प हैं लेकिन पुरुष सिर्फ कंडोम (condoms) या फिर नसबंदी (Vasectomy) का ही सहारा ले सकते हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है जिसके जरिए पुरुष भी अब आसानी से बर्थ कंट्रोल (birth control) कर सकेंगे. चीन के वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए एक ऐसी गर्भनिरोधक तरीका खोजा है जो सुरक्षित और टिकाऊ बताया जा रहा है.

अमेरिका की वैज्ञानिक पत्रिका नैनो लेटर्स में वैज्ञानिकों ने बताया है कि उन्होंने पुरुषों के लिए रिवर्सिबल चुंबकीय बायोडिग्रेडेबल नैनोमेटेरियल्स विकसित किए हैं. ये कम से कम 30 दिनों तक गर्भनिरोधक का काम करते हैं. चूहों पर इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, उच्च तापमान पर स्पर्म का प्रोडक्शन नहीं हो पाता है इसलिए ये प्रयोग नर चूहों की बाहरी स्किन पर किया गया. इसके पहले के सारे शोध तेज तापमान पर नैनोमेटेरियल्स पर किए गए थे जिन्हें बर्थ कंट्रोल के रूप में इंजेक्शन के तौर पर चूहों को दिया गया था. ये प्रक्रिया काफी दर्दनाक थी और इससे स्किन को भी काफी नुकसान हुआ था. ये नैनोमेटेरियल्स बायोडिग्रेडेबल भी नहीं थे. यानी ये प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाले नहीं थे.

नए शोध में वैज्ञानिकों ने एक बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया है. शोधकर्ताओं ने बायोडिग्रेडेबल आयरन ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स के दो रूपों का परीक्षण किया. इन्हें चुंबक के साथ लगाकर गर्म किया जा सकता है. एक नैनोपार्टिकल पर पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल (PEG) और दूसरे पर साइट्रिक एसिड की लेप लगाई गई थी.


वैज्ञानिकों ने पाया कि पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल नैनोपार्टिकल को उच्च तापमान पर गर्म किया जा सकता है, लेकिन साइट्रिक एसिड की तुलना में इसे आसानी से तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता है. इंसानों पर किसी भी तरह के ट्रायल से पहले जानवरों पर इसका ट्रायल करना जरूरी होता है.

अपने प्रयोग के लिए, वैज्ञानिकों ने दो दिनों तक चूहों को साइट्रिक एसिड-लेपित नैनोपार्टिकल की इंजेक्शन कई बार दी. इसके बाद चुंबक के साथ इसका प्रयोग किया गया. टेस्ट करने के बाद सभी नैनोपार्टिकल्स पर 15 मिनट के लिए वैकल्पिक चुंबक लगाया गया. इसके बाद शोधकर्ताओं ने इसे 104 डिग्री फारेनहाइट के तापमान तक गर्म किया.

शोधकर्ताओं ने पाया कि इस प्रयोग में चूहों के शुक्राणुजनन लगभग 30 दिनों के लिए सिकुड़ गए. इसके बाद धीरे-धीरे इनके स्पर्म प्रोडक्शन में सुधार आने लगा. इस प्रयोग के सातवें दिन से मादा चूहों की प्रेग्नेंसी रुक गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि साठवें दिन से इन मादा चूहों की प्रेग्नेंसी क्षमता वापस आने लगी.

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये नैनोपार्टिकल्स कोशिकाओं के लिए हानिकारक नहीं हैं और इन्हें आसानी से शरीर से बाहर निकाला जा सकता है. शोधकर्ताओं को इस प्रयोग से काफी उम्मीद है. वैज्ञानिक पुरुषों के लिए तरह-तरह के कॉन्ट्रासेप्टिव्स पर पहले से ही काम कर रहें है. ऐसे में ये नया प्रयोग पुरुषों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.

खासतौर से फैमिली प्लानिंग करने वालों के लिए ये नया कॉन्ट्रासेप्टिव्स काफी कारगर साबित हो सकता है. क्योंकि इसकी डिजाइन इस तरह की जा रही है कि इसका असर कुछ दिनों के बाद अपने आप ही खत्म हो जाए. इसके अलावा बायोडिग्रेडेबल की वजह से ये अपने आप नष्ट भी हो जाएगा. बर्थ कंट्रोल के लिए इसे बस एक या दो महीने तक हीट करने की जरूर होगी. लंबे समय तक इसक असर ना रहने की वजह से कपल्स अपनी सुविधा के अनुसार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

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