कमलनाथ ने कहा कि मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका, मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग़ है। हमने 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। मैं शिवराज को चुनौती देता हूं कि आमने- सामने बैठ जाये मैं आपको 26 लाख किसानों के नाम, उनके गांव का नाम, माफ़ कर्ज़़ की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूँ। शिवराज जी झूठ की राजनीति बहुत हो गई, अब यह चलने वाली नहीं है। प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कमलनाथ ने कहा कि मोदी जी के 20 लाख करोड़ में से किसी को 20 रुपये भी मिले क्या ? ये मेरी सरकार में कोरोना को डरोना बताते थे, मुझे ज्योतिष बताते थे। आज सबसे कम टेस्टिंग मध्यप्रदेश में हो रही है। आज स्थिति कितनी भयावह है। जो कह रहे है कि उन्हें सीएम नहीं बनाया तो यह सभी जानते है कि विधायकों ने किसे अपना नेता चुना और किसे मात्र 18 वोट मिले? कौन सौदागर है, किसने सौदा किया, यह भी सभी जानते है ?
इस दौरान कमलनाथ ने अपने कार्यकाल का भाजपा की 15 सालों की सरकार से तुलना करते हुए कहा कि हमने अपनी 15 महीने की सरकार में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। मुझे शिवराज व भाजपा से सर्टिफिकेट नहीं चाहिये, जनता इसकी गवाह है। उन्होंने बरसते हुए कहा कि भाजपा में हिम्मत कैसे हुई जो मुझसे 15 माह का हिसाब मांगते हैं, आज तक अपना 15 साल का हिसाब नहीं दे रहे हैं, पहले अपना हिसाब दे।
मप्र के मुखिया शिवराज को घेरते हुए कमलनाथ ने कहा कि आज शिवराज जी नारियल अपनी जेब में लेकर चलते हैं, जहां मौका मिलता है फोड़ देते हैं। घोषणा करने लग जाते हैं, कितनी घोषणाएँ शिवराज जी ने की 15 साल में, ग्वालियर-चंबल में कितनी घोषणाएँ की, कितनी आज तक पूरी हुई, इसकी सच्चाई जनता जानती है।
प्रदेश की स्थिति पर उठाए सवाल
प्रदेश की कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर कमलनाथ ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र की आज क्या हालत है? मैं पूछना चाहता हूं कि कृषि उत्पादन बढ़ा, क्या उसके अनुपात में मंडिया बढ़ी, खऱीदी बढ़ी? शिवराज सरकार में प्रदेश किसानों की आत्महत्या में नं.1, बेरोजगारी में नंबर वन, महिलाओं से अत्याचार में नं वन। आपने कभी गुजरात-केरल-तमिलनाडु का मज़दूर देखा, मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा मजदूरों के उत्पादन वाला प्रदेश बना डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश तब आता है जब विश्वास का माहौल हो। कितनी इन्वेस्टर्स समिट हुई, लाखों करोड़ों के निवेश के वादे किए गए, कहाँ गया निवेश? मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर किसी निवेशक को विश्वास नहीं है क्योंकि भाजपा सरकार में मध्य प्रदेश की पहचान माफिया से थी, मिलावट से थी, भ्रष्टाचार से थी।