नई दिल्ली: सोना, पोस्ट ऑफिस की आरडी, बैंक में एफडी या सरकारी बॉन्ड खरीदकर सेविंग करना अब बीते दिनों की बात होने लगी है. नई पीढ़ी के निवेश करने का तरीका बदल रहा है. इस बात का खुलासा अब शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी के जनवरी 2025 के बुलेटिन में भी हुआ है. ये रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब देश में सरकार बचत के बजाय खर्च को प्रमोट कर रही है और इसके लिए न्यू टैक्स रिजीम को पॉपुलर बनाने पर काम कर रही है.
सरकार ने बजट 2025 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी है. 75,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ ये इफेक्टिवली 12.75 लाख रुपए की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है. ऐसे में सरकार का साफ-साफ लक्ष्य है कि वह देश में खपत बढ़ाने की पक्षधर है. लेकिन इसी इनकम में से एक बड़ा पैसा निवेश के नए तरीकों में जाएगा.
सेबी बुलेटिन के हिसाब से देश में एक ही पैन कार्ड पर कई डीमैट अकाउंट खोलने का ट्रेंड बढ़ा है. वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले मौजूदा समय में ये 504 प्रतिशत बढ़ चुका है. तब देश में एक ही पैन नंबर से जुड़े दो या से अधिक डीमैट अकाउंट की संख्या 61.8 लाख थी, जो 2023-24 में बढ़कर 3.73 करोड़ हो चुकी है.
इतना ही नहीं, इस ग्रोथ ने तब से अब तक देश में खुले कुल डीमैट अकाउंट की ग्रोथ को भी पीछे छोड़ दिया है. 2016-17 के मुकाबले 2023-24 में देश में कुल 15.14 करोड़ डीमैट अकाउंट खुल चुके हैं और ये 444 प्रतिशत की ग्रोथ को दिखाता है. 2016-17 में ये संख्या महज 2.78 करोड़ थी.
अगर डीमैट अकाउंट में आई इस ग्रोथ को देखें, तो इससे एक बात साफ होती है कि देश में शेयर मार्केट में इंडिविजुअल की भागीदारी बढ़ी है. वहीं अब लोग शेयर मार्केट में पैसा ज्यादा लगा रहे हैं. इतना ही नहीं इसमें म्यूचुअल फंड की भी भूमिका है. म्यूचुअल फंड में देश के अंदर लगातार निवेश बढ़ रहा है. पहले एक समय था जब लोग बैंक और पोस्ट ऑफिस में सेविंग पर ज्यादा भरोसा दिखाते थे. लेकिन अब इस ट्रेंड में बदलाव आया है. ये बैंकों की घटती डिपॉजिट ग्रोथ से भी पता चलता है.
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