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एमपी गृह मंत्री बोले- नकली वैक्सीन के मामलों में आजीवन कारावास की सजा

भोपालः भले ही कोरोना की वैक्सीन अभी न आई हो, लेकिन मप्र को कोरोना वैक्सीन में मिलावट कर डर सताने लगा है. दरअसल पिछले दिनों राज्य के ग्वालियर में नकली प्लाज्मा का रैकेट पकड़े जाने के बाद, प्रदेश को नकली कोरोना वैक्सीन का डर सताने लगा है. वहीं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी इस तरह की गड़बड़ी की आशंका जताई है. इसके कारण राज्य सरकार ने नकली वैक्सीन के मामलों में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया है. मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अभी तक इस कानून के तहत अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर पांच साल किया गया है. कैबिनेट में हुुए निर्णय की जानकारी देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इंटरपोल से जानकारी मिली है 

कोरोना वैक्सीन में फर्जीवाड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि मप्र सरकार आम नागरिक की जान के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी. दरअसल डब्ल्यूएचओ ने अपना इनपुट सभी सरकारों के माध्यम से भिजवाया था. गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हाल में ग्वालियर में नकली प्लाज्मा बेचे जाने का मामला सामने आ चुका है. यह गंभीर अपराध है. सरकार लोगों की जान के साथ खेलने वालों को सख्त सजा देगी. उन्होंने कहा कि एक्सपायरी डेट की दवा बेचने पर सजा को बढ़ने का प्रस्ताव भी विधि विभाग की तरफ से दिया गया था, जिसे कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है. इसके तहत मिलावट चाहे दूध में हो, अन्य खाद्य सामग्री या फिर एक्सपायरी डेट की दवाओं की बिक्री, सभी में सजा तीन साल से बढ़ा कर पांच साल किया गया है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड काल में मध्यप्रदेश की पुलिस द्वारा किए गए कार्य की राष्ट्र स्तर पर प्रशंसा हुई है. इसके लिए हमारा पुलिस महकमा बधाई का पात्र है. हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए दिशा-निदेर्शों के अनुरूप मध्यप्रदेश की पुलिस कार्यप्रणाली को देश में सर्वश्रेष्ठ बनाना है. मुख्यमंत्री चौहान ने निवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत दिनों ली गई देश के समस्त डी.जी. एवं आई.जी. कॉन्फ्रेंस के संदर्भ में बैठक ली. मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए ‘क्राइम एनालिसिस’ और अपराधों के ‘हॉट स्पॉट’ छांटने में आई.टी. का पूरा उपयोग किया जाना चाहिए. सी.सी.टी.वी. नैटवर्क को और उन्नत किया जाए. पी.एच.क्यू. में चीफ टैक्निकल आॅफीसर भी नियुक्त किया जाए.

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