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Sharad Purnima : शरद पूर्णिमा पर बरसेगा अमृत, मिट्टी या चांदी के बर्तन में रखें ‘खीर’

भोपाल (Bhopal)। Sharad Purnima 2023 -इस बार 28 अक्‍टूबर शनिवार को शरद पूर्णिमा का का मनाया जाएगा, जो कि शरद ऋतु के आने का संकेत है। आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को ‘शरद पूनम’ या ‘रास पूर्णिमा’ भी कहते हैं। आपको बता दूं, शरद पूर्णिमा की रात बड़ी ही खास होती है। इस रात को चांद की रोशनी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है।

कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर और मन को शुद्ध करके एक पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करते हैं। दरअसल इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक होता है, जिसके चलते चंद्रमा की रोशनी का और उसमें मौजूद तत्वों का सीधा और पॉजिटिव असर पृथ्वी पर पड़ता है।

जो लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, जो डिप्रेशन में रहते हैं, जिन्हें किसी काम को लेकर बहुत डर लगा रहता है, जो बहुत जल्दी इरिटेट हो जाते हैं या जो मन से कमजोर होते हैं, उनके लिये आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मान्यताओं के अनुसार आज के किसी खास शुभ मुहूर्त में आसमान के नीचे खीर रखना बहुत ही जरुरी माना जाता है। इसे खाने से सेहत से जुड़े कई फायदे होते है।



शरद पूर्णिमा पर अमृत वर्षा करते हैं चंद्रदेव
वर्षा ऋतु के बाद पहली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, उसके बाद मौसम में कोहरे के साथ ठंडक शुरू हो जाती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और वह अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि में चन्द्रमा का ओज सबसे तेजवान और ऊर्जावान होता है। इस रात चन्द्रमा की किरणों से अमृत तत्व बरसता है, चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ पृथ्वी पर शीतलता, पोषक शक्ति और शांति रूपी अमृत वर्षा करते हैं। चांद की उज्ज्वल किरणें जब फसलों, पेड़-पौधों, पेय एंव खाद्य पदार्थो में पड़ती हैं तो इनमें अमृत्व का प्रभाव आ जाता है और ये जीवनदायिनी होकर जीव-जगत को आरोग्य प्रदान करती है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है-पुष्णामि चौषधिः सर्वाः सोमो भूत्वा रसात्यमकः।। “मैं रसस्वरूप अर्थात अमृतमय चंद्रमा होकर सम्पूर्ण औषधियों को, वनस्पतियों को पुष्ट करता हूँ।“
इसलिए खास होती है इस दिन की खीर
ज्योतिषाचार्यों की माने तो इस दिन आसमान से अमृत बरसता है। जो दमा, अस्थमा और दिल के मरीजों के लिए बेहद खास माना जाता है। इसलिए इस दिन की खीर को अस्थमा के मरीजों को जरूर खिलाया जाता है। चित्रकूट में इस दिन बड़ी संख्या में खीर बांटी जाती है। एमपी के सागर में सिंधी समाज द्वारा भी बड़े स्तर पर खीर का वितरण किया जाता है।

शरद पूर्णिमा की खीर को बाहर रखने का शुभ मुहूर्त
जैसे ही चांद की रोशनी धरती पर पड़ने लगे या उस जगह, जहां आप खीर रखने वाले हैं – तो तुरंत ही कटोरी में खीर डाल कर विधि पूर्वक उसे पूर्ण‍िमा के चांद की रोशनी में रख दें। इसके बाद जाप और पूजन करें।

ऐसे रखें खीर
खीर को मिट्टी या चांदी के बर्तन में ही बाहर रखें। साथ ही ध्यान दें कि खीर को सुरक्षित स्थान पर रखें, इसे कोई जानवर झूठा ना कर सके। रात 12 बजे के बाद आप खीर को उठाकर उसका प्रसाद बांटें।

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