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कांग्रेस को झटका, नेपानगर से विधायक रहीं सुमित्रा कासडेकर बोलीं- मैं अपने क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा में शामिल हो रही हूं


भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को एक और करारा झटका देते हुए बुरहानपुर जिले की नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस की महिला विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर शुक्रवार रात को कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई हैं। कासडेकर ने विधायक पद से त्यागपत्र दिन में स्वीकार भी कर लिया गया था। इसके बाद बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है ।

इसके बाद वह भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गई। जहां उन्‍होंने कहा कि ”मैं आज भाजपा में शामिल हो गई हूं। मैं अपने क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा में शामिल हुई हूं।” उन्होंने कहा, ”मैं पहली बार विधायक बनी थी। मुझे जनता ने इसलिए वोट देकर जिताया था कि मैं अपने क्षेत्र का विकास करूंगी।”

कांग्रेस की पूर्व कमलनाथ सरकार को लेकर सुमित्रा का कहना था कि 15 महीने तक जब प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी, तब अपने क्षेत्र के विकास के लिए मैं तत्कालीन मंत्रियों के पास जा-जाकर परेशान हो गई, लेकिन मेरे क्षेत्र में विकास नहीं हुआ। मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने भोपाल जाती थी। लेकिन, मुख्यमंत्री को विधायकों से मिलने की फुरसत ही नहीं होती थी। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती थी। कासडेकर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मेरे साथ उपेक्षा का व्यवहार किया है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी विधायक होने के कारण मुझे मध्य प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने अनदेखा किया। इसलिए आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मैं भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रही हूं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहना था कि कांग्रेस में लोगों का दम घुट रहा है। वह कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है। वर्षों से एक ही परिवार का कब्जा है। दिल्ली में अगर आप देखें तो कभी सोनिया गांधी अध्यक्ष, तो कभी राहुल गांधी अध्यक्ष। राहुल गांधी से फिर सोनिया गांधी अध्यक्ष। वहां और कोई है ही नहीं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग चाहते हैं कि अपने नेताओं से बात करें तो वहां कोई सुनने को तैयार नहीं। मध्य प्रदेश में भी देखो, वही प्रचारक, वही अध्यक्ष, फिर वही मुख्यमंत्री और अब वही नेता प्रतिपक्ष। यहां तो एक ही नेता है। और पीछे एक और दिग्विजय सिंह हैं। विकास की सुनेंगे नहीं, जनकल्याण की बातें सुनेंगे नहीं। इस परिस्थिति में जिसका अपना कोई स्वार्थ न हो और अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम करना हो, जनता की भलाई के काम करना हो, वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं।

वहीं, विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा, मैंने नेपानगर की विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। मैंने उन्हें इस पर सोचने का समय देने को कहा था, लेकिन सुमित्रा देवी ने इसे स्वीकार करने के लिये जोर दिया। विधायक का त्यागपत्र मंजूर होने के साथ ही नेपानगर विधानसभा सीट अब रिक्त हो गयी है।

सुमित्रा देवी के त्यागपत्र के साथ ही, राज्य में कुल 230 सीटों में से 26 विधानसभा सीटें अब खाली हो गयी हैं। इससे पहले, छतरपुर जिले के बड़ामलहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी 12 जुलाई को कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया इसके कुछ घंटों बाद ही प्रदेश सरकार ने लोधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया । अब सुमित्रा एवं लोधी के इस्तीफे के बाद कुल 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा की 26 सीटें रिक्त हो गई हैं, जिनमें से 24 कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे से खाली हैं, जबकि दो सीटें भाजपा एवं कांग्रेस के एक—एक विधायक के निधन से रिक्त हैं। वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 90, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय हैं।

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