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शूटर विजय ने पूछताछ में किया खुलासा, कहा- अशरफ ने जीवा की हत्या के लिए दी थी 20 लाख की सुपारी

लखनऊ (Lucknow) । पुराने हाईकोर्ट (High Court) परिसर में पेशी पर आए कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी (Sanjeev Maheshwari) उर्फ जीवा (jeeva) को फिल्मी अंदाज में गोलियों से छलनी करने वाले शूटर विजय यादव (shooter vijay yadav) उर्फ आनन्द यादव ने बयान भी फिल्मी कहानी की तरह दिया। गुरुवार सुबह अस्पताल में पूछताछ की गई तो उसने कहा कि माफिया अतीक अहमद के दोस्त अशरफ ने उसे जीवा की हत्या के लिए 20 लाख रुपये देने को कहा था। उसने वजह पूछी तो अशरफ ने कहा कि उसका भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है। कुछ दिन पहले जीवा ने उसकी दाढ़ी नोच ली थी। कई बार बेइज्ज्ती भी की। इसलिए वह उसकी हत्या कराना चाहता है। बड़ी रकम मिलने के लालच में ही उसने यह सौदा कर लिया था।

जेसीपी, डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी की मौजूदगी में पुलिस ने पहले डॉक्टरों से पूछा कि विजय यादव बात करने की स्थिति में है। डॉक्टरों ने कहा कि उससे कुछ देर ही पूछताछ कीजिएगा। पूछताछ में पुलिस के हर सवाल का उसने बेबाकी से जवाब दिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा भी कि सच छिपा क्यों रहे हो? इस पर वह बोला जो सच है, वही बता रहे हैं…इसमें कुछ भी झूठ नहीं है..। पेश है पुलिस और विजय के बीच सवाल-जवाब…।


पुलिस: जीवा को किसने और क्यों मरवाया?
विजय: अशरफ ने कहा था कि उसके भाई अतीफ को जेल में जीवा परेशान करता है। मार दो उसे…20 लाख रुपये देंगे..।
पुलिस: कहां मिले थे अशरफ से, किसने मुलाकात कराई?
विजय: एक दोस्त ने काठमांडू में मिलवाया था अशरफ से, वह दो दिन वहां रुका था।
पुलिस: असलहा कहां से मिला?
विजय: अशरफ के एक दोस्त ने कैसरबाग बस अड्डे के पास दिया था।
पुलिस: जीवा को कभी देखा नहीं था तो पहचाना कैसे?
विजय: अशरफ के आदमी ने ही वकील की ड्रेस दी थी। वही कोर्ट तक लाया था।
पुलिस: अंदर कैसे गए कोर्ट के?
विजय: ड्रेस देने वाले आदमी ने ही अंदर पहुंचाया, फिर जीवा को पहचनवाया।
पुलिस: साथ में कोई और भी था?
विजय चुप रहा…
पुलिस: कितने असलहे थे पास में?
विजय: जो था, वह पुलिस ने छीन लिया था।
पुलिस: घर वाले तो कह रहे कि तुम काठमांडू कभी गए नहीं…?
विजय: उन्हें क्या पता हम कहां जाते, कहां नहीं जाते…उन्हें बताया नहीं था।
पुलिस: कितने रुपये मिले थे एडवांस में?
विजय: अभी कुछ नहीं दिया गया था…।
पुलिस: लखनऊ कब आये थे?
विजय: छह जून को लखनऊ आया था।
पुलिस: घर वाले तो कह रहे हैं कि 11 मई को गांव से चले गए थे…?
विजय: सही कह रहे हैं…।

(करीब दो घंटे तक पुलिस ने यह पूछताछ की। पुलिस अफसरों ने जेल प्रशासन से भी अतीफ के बारे में पता करने को कहा है। एक अधिकारी ने कहा कि विजय ने अपना बयान कई बार बदला है। उसके जवाबों से ही जुड़े कई सवालों पर उसने गोलमोल जवाब दिया। उसके सही हो जाने पर फिर से बयान लिया जाएगा। शूटर विजय का अभी केजीएमयू में ही इलाज चल रहा है।)

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