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खुले बाजार बिक्री योजना से बाहर हुए राज्य, केंद्र ने मध्यम वर्ग को महंगाई से बचाने के लिए लिया फैसला

नई दिल्ली। देश के 40-50 करोड़ मध्यम वर्ग को महंगाई से बचाने के लिए केंद्र ने खुले बाजार बिक्री योजना के जरिये राज्यों को मिलने वाले सस्ते चावल और गेहूं पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं, सरकार इस पर अगले नौ माह तक हस्तक्षेप जारी रखेगी, जिससे गेहूं व चावल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बताया, फैसला मौजूदा गेहूं-चावल के स्टॉक और आने वाले महीनों की अपरिहार्य स्थितियों से निपटने के लिए लिया गया है। इसी कड़ी में सरकार 28 जून से खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 15 लाख टन गेहूं बेचेगी। इसके जरिये चावल बेचने की मात्रा का निर्धारण अभी तक नहीं किया गया है।


देश में गेहूं और चावल का पर्याप्त भंडार मौजूद

देश के भंडार में इस समय 308.84 लाख टन गेहूं और 265.08 लाख टन चावल है। इस तरह से कुल 573.90 लाख टन खाद्यान्नों का पर्याप्त भंडार है। एक जुलाई तक की जरूरतों को पूरा करने के लिए 275 लाख टन गेहूं और 135 लाख टन चावल की जरूरत होगी। इस हिसाब से सरकार के भंडार में 162 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्नों का भंडार है। 48 लाख टन खाद्यान्नों की जरूरत पीएमजीकेवाई के लिए होगी।

जीएसटी परिषद की बैठक 11 जुलाई को

जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक 11 जुलाई, 2023 को होगी। इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। इस बैठक में जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण, ऑनलाइन गेमिंग और मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को पास करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक इसी साल 18 फरवरी को हुई थी।

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