आईएएस भागेगा विदेश!
मप्र के एक पूर्व विधायक को आशंका है कि उन्होंने प्रदेश के जिस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की शिकायत प्रधानमंत्री और सीबीआई को की है वह अधिकारी इस साल रिटायर होते ही विदेश भाग जाएगा। पूर्व विधायक अब जांच पूरी होने तक इस अधिकारी का पासपोर्ट जब्त कराने की गुहार लगा रहे हैं। पूर्व विधायक ने पिछले महीने इस आईएएस अधिकारी के कार्यकाल में हुए आरबों रुपए के घोटाले की विस्तृत शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई जांच एजेंसियों को भेजी है। पूर्व विधायक को पता चला है कि आईएएस अधिकारी ने अपने निकट रिश्तेदार को विदेशी नागरिकता दिला दी है। इस रिश्तेदार के जरिए मोटी रकम भी विदेश पहुंच गई है। अधिकारी भी रिटायरमेंट के बाद जांच के झंझट से बचने लंबे समय के लिए विदेश जाने की तैयारी में है। मजेदार बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष भी इस आईएएस के घोटाले की जांच के लिए हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
कॉमरेड स्पीकर
मप्र विधानसभा में पहली बार किसी स्पीकर की कार्यशैली सभी को लुभा रही है। दरअसल पहली बार मप्र को एक कॉमरेड स्पीकर मिला है। नए स्पीकर गिरीश गौतम का अतीत कम्युनिस्ट विचारधारा का रहा है। उनकी कार्यशैली में भी इसकी झलक दिख रही है। गिरीश गौतम ने पहले ही सत्र में विधानसभा कार्रवाई में अनेक सकारात्मक बदलाव शुरू कर दिए हैं। विधानसभा में अब आपत्तिजनक शब्दों पर सख्ती से रोक लग रही है। सदन में विधायकों की अधिकतम उपस्थिति के लिए मुहिम शुरू हो गई है। विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए तीन समितियां गठित हो गई हैं। स्पीकर सत्ता और संगठन में समन्वय के लिए स्वयं वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वे अपनी पुरानी पहचान को बदलने और धार्मिक दिखने के लिए मंदिर-मंदिर भी जा रहे हैं। विधानसभा स्थित अपने कक्ष में वे लंबी पूजा पाठ भी करा चुके हैं। कुल मिलाकर स्पीकर का यह रूख पक्ष-विपक्ष को पसंद आ रहा है।
बाबा के अश्लील फोटो
पिछले लोकसभा चुनाव में भोपाल से दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए कई भगवाधारी बाबा मैदान में कूंदे थे। इनमें से एक बाबा ने तो यहां तक घोषणा कर दी थी कि यदि दिग्विजय सिंह चुनाव हारे तो वे समाधि ले लेंगे। समाधि की घोषणा करने वाले यह बाबा आजकल अपने कथित अश्लील फोटुओं के लिए चर्चा में हैं। आजकल इस बाबा के तीन फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। इन फोटुओं में एक भगवाधारी साध्वी बाबा को अंडरगारमेंट पहनाती नजर आ रही है। दूसरे फोटो में साध्वी बाबा के अत्यंत नजदीक है और तीसरे फोटो में सोफे पर बाबा नंग-धड़ंग बैठे हैं। इन फोटुओं को लेकर भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में बाबा का मजाक उड़ाया जा रहा है। खास बात यह है कि भोपाल में दिग्विजय सिंह की पराजय के बाद उनके भाई लक्ष्मण सिंह ने भी इन बाबाओं को फर्जी बताया था।
डॉ. गोविंद सिंह की खरी-खरी
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह किसी भी मुद्दे पर अपनी खरी बातें कहने के लिए पहचाने जाते हैं। इस सप्ताह उन्होंने गोहद के कांग्रेस विधायक को सार्वजनिक रूप से आईना दिखाने का काम किया। साथ ही भिंड जिला कांग्रेस अध्यक्ष को भी हैसियत दिखा दी। गोहद में आयोजित एक कार्यक्रम में गोविंद सिंह ने माईक से कहा कि गोहद के कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव मतदाताओं के फोन नहीं उठा रहे हैं। यदि वे ऐसा करेंगे तो अगले चुनाव में जनता उन्हें हराकर सड़क पर चप्पले चटकाने के लिए छोड़ देगी। दरअसल मेवाराम जाटव को टिकट दिलाने से लेकर चुनाव जिताने तक गोविंद सिंह ने जी-तोड़ मेहनत की थी। अब लोग विधायक की शिकायत गोविंद सिंह से कर रहे हैं। इसी कार्यक्रम में गोविंद सिंह ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयश्रीराम बघेल को पीछे की पंक्ति में बिठाकर उन्हें हैसियत दिखा दी। उप चुनाव के बाद बघेल ने डॉ. गोविंद सिंह को कांग्रेस से निकालने की मांग की थी।
अरूण यादव की चुनावी तैयारी शुरू
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने खंडवा से लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है। यह सीट भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई है। इस सप्ताह अरूण यादव ने भोपाल में रहकर अपने मीडिया मित्रों, राजनैतिक सलाहकारों और कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ लंबी बैठकें कर चुनाव लडऩे की संभावना पर सलाह मशवरा किया है। इसके साथ ही अरूण यादव ने खंडवा से चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है। खबर आ रही है कि गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया मुद्दे पर कमलनाथ को सफाई देने के बाद कमलनाथ ने भी अरूण यादव को खंडवा से टिकट दिलाने का भरोसा दिला दिया है।
पहले डराया, अब दोस्ती
मप्र में कमलनाथ को हटाकर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने चौथी बार सत्ता में आते ही पहले तो कमलनाथ और उनकी टीम को जमकर डराया लेकिन आजकल दोस्ती कर ली है। दरअसल पिछले साल सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे। बदले में शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के छह महीने के घपले-घोटालों की जांच के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी बना दी। यह कमेटी जांच करती इसके पहले ही कांग्रेस के दिग्गज नेता ने सरकार के सामने लगभग समर्पण कर दिया। इस समर्पण का ही असर है कि तीन सदस्यीय मंत्रियों की कमेटी ने जांच बीच में ही रोक दी है। प्रदेश में आजकल शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ की दोस्ती के चर्चे भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में सुने जा रहे हैं। यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आजकल कमलनाथ के सबसे प्रमुख सलाहकार हैं। शिव के कहने पर ही नाथ विधानसभा से लेकर विधानसभा के बाहर कांग्रेस की रणनीति तय करते हैं।
और अंत में….
मप्र के मंत्रियों की कार्यशैली की समीक्षा भाजपा संगठन और संघ अलग-अलग तरीके से कर रहा है। लगभग आधा दर्जन मंत्रियों के बारे में संगठन को पुख्ता सूचना मिली है कि कुछ मंत्रियों के भाईयों और कुछ मंत्रियों के पुत्रों का विभाग में जबर्दस्त दखल हो गया है। मंत्री उन्हीं फाईलों को साइन करते हैं जिन्हें भाई या पुत्र कहते हैं। खबर है कि संगठन और संघ इस संबंध में शीघ्र मंत्रियों को संकेत देने वाला है। यदि नहीं सुधरे तो मंत्रियों पर नकेल कसने की भी तैयारी है।