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अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट जांच दल गठित करे – असदुद्दीन ओवैसी


हैदराबाद । एआईएमआईएम अध्यक्ष (AIMIM President) असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से उत्तर प्रदेश में (In UP) पूर्व सांसद (Former MP) अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ (Atiq Ahmed and His Brother Ashraf) की हत्या के मामले में (In Murder Case) स्वत: संज्ञान लेने (Take Suo Motu) और एक जांच दल गठित करने (Set up An Investigation Team) की अपील की (Appealed) । हैदराबाद के सांसद ने कहा कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को जांच दल का हिस्सा नहीं होना चाहिए।


ओवैसी रविवार सुबह फिर मीडिया के सामने आए और यूपी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से कह रहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार क़ानून के मुताबिक नहीं, बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है। हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे, लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं। इससे लोगों में संविधान में विश्वास कम होगा। इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है। ओवैसी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि हत्यारों को हथियार किसने दिए, किसने भेजे और वे वहां कैसे पहुंचे, जैसे तथ्यों को सामने लाने के लिए गहन और समयबद्ध जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा, जब तक ऐसा नहीं किया जाता, हत्याएं जारी रहेंगी। गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के एक अस्पताल ले जा रही थी। इस दौरान टीवी रिपोर्टर बनकर आए हमलावरों ने उन्हें प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ने मांग की कि अतीक अहमद और उनके भाई की सुरक्षा करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए गए थे कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और अदालत ने कहा था कि न्यायिक हिरासत में उनकी रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है। ओवैसी ने इसे जघन्य हत्या करार देते हुए कहा कि सिर्फ मुसलमान ही नहीं, वे सभी जो संविधान और कानून के शासन में विश्वास करते हैं, अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि जब से भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई है, तब से राज्य में कानून का राज नहीं बल्कि बंदूक का राज चल रहा है। यह कहते हुए कि सत्ता में रहने वालों में कोई दया या मानवता नहीं है, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा था ‘मिट्टी में मिला दूंगा’। क्या देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री को यही भाषा इस्तेमाल करनी चाहिए। सांसद ने कहा कि यह घटना बहुसंख्यकों के बढ़ते कट्टरवाद को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा, जिस तरह से उन्होंने अपने हथियारों का इस्तेमाल किया, उसे देखिए। उन्होंने धार्मिक नारे लगाए। क्या वे आतंकवादी नहीं हैं?

टीवी स्टूडियो में बैठकर हत्याओं का जश्न मनाने वालों से ओवैसी ने कहा, वे भूल रहे हैं कि आज भाजपा सत्ता में है, लेकिन कल कोई और पार्टी होगी। यह नहीं रुकेगा। ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनकी कार पर हमला करने वाले हमलावरों ने भी इसी तरह से गोलियां चलाई थीं और धार्मिक नारे लगाए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अपने ऊपर हमले का डर है, सांसद ने कहा कि वह डरे हुए नहीं हैं और अपनी पार्टी का काम करने के लिए उत्तर प्रदेश का दौरा करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, मैं मरने के लिए तैयार हूं। जो होना तय है वह होगा, लेकिन मैं रुकूंगा नहीं।

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