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सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- ‘बीजेपी से बड़ी फेक न्यूज की फैक्ट्री दुनिया में कोई नहीं है, खुद पीएम झूठ बोलते हैं’

नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने शनिवार (8 अप्रैल) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें पार्टी ने मोदी सरकार के लाए जा रहे आईटी नियम संशोधन बिल को लेकर आलोचना की. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, इस देश के मीडिया को पीएमओ का चपरासी नियंत्रित करता है, अब इस नियम की वजह से सरकार सोशल मीडिया पर भी आवाजों को दबाने का काम करेगी.

उन्होंने आगे कहा कि अगर आप कोई असहज सवाल सरकार के सामने उठाते हैं तो अब ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप तमाम ऐसे प्लेटफॉर्म पर सरकार ने अपने आप को एकाधिकार दे दिया है एक छत्र राज दे दिया है कि वो उनसे कह कर उस न्यूज़ को हटा सकती है.

‘विपक्ष एक साथ खड़े होने से सरकार बौखला जाती है’
अभी-अभी बजट सत्र की समाप्ति हुई है और आजाद हिंदुस्तान की 75 साल की राजनीति में पहली बार सत्ता पक्ष ने सदन का विरोध किया और सत्ता पक्ष ने सदन नहीं चलने दिया. इसके साथ ही एक संयुक्त विपक्ष ने एक स्वर में इस सरकार को घेरा और अडानी महाघोटाले पर जेपीसी की बात की.

हमारे सांसद ईडी जा रहे थे और 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए. हमारे संसद में धरना देने पर मार्शल आते हैं. हमारे माइक बंद कर दिए जाते हैं. सदन की सबसे सशक्त आवाज (राहुल गांधी) को सदन से बाहर कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि समूचा विपक्ष एक साथ खड़ा होता है तो सरकार बौखला जाती है.

राहुल जी के सवालों से ये सरकार बैकफुट पर है, इसलिए ये हर उस आवाज का दमन करना चाहती है जो खड़े होकर इनसे सवाल पूछे. मुझे खेद के साथ कहना पड़ता है जब अधिकांश मीडिया को पीएमओ का एक चपरासी व्हाट्सएप के माध्यम से चलाने की जुर्रत करता है. तो ऑल्टरनेट मीडिया, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया पर खबरें आती हैं आज इस सरकार ने उन आवाजों के दमन की भी बात की.


‘सोशल मीडिया पर सरकार को एक छत्र राज दे दिया है’
इसमें आप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म, आपके चैनल्स के, अखबारों के डिजिटल प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं. आईटी अमेंडमेंट रूल इस सरकार ने नोटिफाई कर दिया है. ये जनवरी में ड्राफ्ट निकाला गया था और कंसल्टेंट्स की बात की गई थी. इसके बावजूद कोई व्यापक चर्चा इस पर नहीं हुई. जो स्टेक होल्डर्स हैं वो इस चर्चा से संतुष्ट नहीं हैं. इसके बाद भी रातों रात इसे नोटिफाई कर दिया जाता है.

ये आईटी अमेंडमेंट रूल तब नोटिफाई किया जा रहा है जब आईटी एक्ट 2021 पहले से ही कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट के सामने है उसे अभी इस पर चर्चा करनी है और उसका संज्ञान लेना है. तो ऐसी क्या जल्दी है? और जो जनवरी में आया था उसमें फेक न्यूज के खिलाफ पीआईबी फैक्ट चेक करेगा अब और भी बड़ी बात कह दी गई है.

फेक न्यूज या मिस इंफॉर्मेशन जो केंद्र सरकार के खिलाफ है उस पर एक इंडिपेंडेट यूनिट जो सरकार के तहत रहेगी बॉडी वो फैक्ट चेक करेगी. सरकार ही कोतवाल है, सरकार ही मुजरिम है, सरकार ही जज है सरकार ही सब कुछ अपने बारे में करेगी. अगर आप कोई असहज सवाल सरकार के सामने उठाते हैं तो अब ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप तमाम ऐसे प्लेटफॉर्म पर सरकार ने अपने आप को एकाधिकार दे दिया है एक छत्र राज दे दिया है कि वो उनसे कह कर उस न्यूज़ को हटा सकती है.

आईटी अमेंडमेंट रूल हुआ नोटिफाई
दरअसल भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 6 अप्रैल, 2023 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 (Technology (Intermediary Guidelines And Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2023) की अधिसूचना जारी की.

साल 2023 का ये संशोधन (MeitY) को केंद्र सरकार की फैक्ट चेकिंग यूनिट को सूचना देने की शक्ति देता है. ये केंद्र सरकार के किसी भी व्यवसाय के संबंध में फेक या गलत या भ्रामक ऑनलाइन सामग्री की पहचान करेगी. आईटी नियम संशोधन केंद्र सरकार को उसके बारे में सोशल मीडिया में ‘फेक न्यूज’ की पहचान करने का हक देता है.

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