नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार (Sushil Kumar) पर मकोका (MCOCA-Maharashtra Control of Organised Crime Act ) के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है. मकोका के तहत संगठित अपराध करने वालों पर कार्रवाई होती है और मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लगने के बाद आसानी से जमानत(Bail) नहीं होती है. इस कानून के तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. 6 महीने तक चार्जशीट दायर कर सकते हैं.
दरअसल सुशील कुमार (Sushil Kumar) गैंगस्टर काला झटहेड़ी और नीरज बवाना(Gangster Kala Shanti and Neeraj Bawana) के संपर्क में था. आरोप है कि सुशील काला झटहेड़ी और नीरज बवाना(Kala Shanti and Neeraj Bawana) को लोगों की हैसियत और उनके कामकाज की जानाकरी देता था. पुलिस के मुताबिक 2018 से सुशील और गैंगस्टरों का गठजोड़ हुआ, लेकिन सागर धनकड़ की हत्या के दौरान सुशील ने नीरज बवाना और असौड़ा गैंग का सहारा लेकर काला झटहेड़ी के भतीजे सोनू को भी पीट दिया. जिससे काला झटहेड़ी और सुशील के बीच के रिश्तों में दरार आ गई.
पुलिस के मुताबिक सुशील कुमार की भूमिका पूर्व एमएलए रामवीर शौकीन की तरह थी जो पर्दे के पीछे रहकर अपने गैंगस्टर भांजे नीरज बवाना के लिए काम कर रहा था, रामवीर शौकीन भी जेल में है. गैंगस्टर संदीप काला उर्फ काला झटहेड़ी और गैंगस्टर लारेंस विश्नोई एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पांच लोगों लारेंस विश्नोई, जगदीप जग्गू भगवानपुरिया, संपत मेहरा उर्फ काली राजपूत, राजू बसोदी और रविंद्र उर्फ काली शूटर को मकोका मामले में गिरफ्तार किया है.
लारेंस विश्नोई को राजस्थान के अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है. स्पेशल सेल ने काला झटहेड़ी के खिलाफ भी मकोका का मामला दर्ज किया था, स्पेशल सेल के एक अधिकारी के मुताबिक, लारेंस विश्नोई और काला झटहेड़ी का नेटवर्क कई देशों में फैला है, इस गिरोह में 300 से ज्यादा बदमाश हैं.
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