रावण नहीं होता तो राम कैसे पूजे जाते… मानव से भगवान कैसे बन पाते… शिव भी रावण-सा परम भक्त कहां से पाते… जो एक बार नहीं दस बार अपने शिश काटकर शिव को चढ़ाए…अपनी आंतों को निकालकर माला बनाए…तप की उस इंतहा तक पहुंच जाए कि शिव खुद अवतरित होकर अमरत्व प्रदान करने पर विवश […]