औरों को क्या परखूं आइना-ए-आलम में मुहताज-ए-शनासाई जब अपना ही चेहरा है। भोपाल के मशहूर और दानिश्वर उर्दू सहाफी (पत्रकार) मुशाहिद सईद खान साहब इन दिनों सख्त अलील (बीमार) हैं। सहाफत को अपना अज़्म (कमिटमेंट) और खिदमते ख़ल्क़ का जरिया मानने वाले मुशाहिद भाई गुजिश्ता कुछ अरसे से यूरोलॉजिकल (मूत्र संबंधी) दिक्कतों से जूझ रहे […]