नई दिल्ली। तालिबानियों(Taliban) की पैठ पाकिस्तान(Pakistan) में किस कदर बढ़ गई है, इसके सबूत अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी(US Defense Intelligence Agency) की रिपोर्ट से मिले हैं। तालिबान लड़ाकों ने सीमावर्ती पाकिस्तान इलाकों में घुसकर वहां के दुकानदारों से वसूली(recovery from shopkeepers) शुरू कर दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीमाई इलाकों के दुकानदारों से तालिबानी करीब 50 डॉलर या उससे अधिक की वसूली कर रहे हैं।
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की तिमाही रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि तालिबानी अब खुलेआम पाकिस्तान के बाजारों में घूम रहे हैं। उन्होंने वहां से चंदा इकट्ठा करने की गतिविधियां बढ़ा दी हैं। पाकिस्तानी सीमा पार से उन्हें अब ज्यादा आर्थिक सहयोग मिल रहा है। रिपोर्ट में स्थानीय दुकानदारों के हवाले से कहा गया कि तालिबानियो की पहुंच क्वेटा, कुचलाक बाइपास, पश्तून अबाद, इशकाबाद और फरुकिया जैसे इलाकों में है। स्थानीय प्रशासन की जानकारी में ये गतिविधियां जारी हैं।
रिपोर्ट में बताया गया हे कि तालिबानियों को पहले पाकिस्तान की मस्जिदों से चंदा मिलता था पर हाल के दिनों में उन्होंने खुद को आर्थिक रूप से और ज्यादा मजबूत करने के लिए स्थानीय बाजारों में धमक जमानी शुरू कर दी। अब वे वहां आसानी से वसूली कर पा रहे हैं। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ऑफिस ऑफ द इंस्पेक्टर जनरल ने कहा कि तालिबान के साथ शांति वार्ता में पाकिस्तान लगातार भाग लेता रहा, इसके बावजूद उसने तालिबानियों से अपने संबंध मजबूत बनाए रखे।
अफगानिस्तान में भारतीय प्रभाव को कम करना चाहता पाकिस्तान
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए पाकिस्तान रणनीति बना रहा है। उसके रणनीतिक सुरक्षा उद्देश्य निश्चित रूप से यही हैं कि भारतीय प्रभाव का मुकाबला किया जाए और पाकिस्तानी क्षेत्र में फैलाव को कम करना जारी रखा जाए। एक अप्रैल से 30 जून की तिमाही की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तानी सरकार चिंतित है कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध का पाकिस्तान पर अस्थिर प्रभाव पड़ेगा, जिसमें शरणार्थियों की आमद और पाक विरोधी आतंकवादियों के लिए उनका देश एक संभावित पनाहगाह बन सकता है।
