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तालिबान लागू करेगा अपना क्रूर कानून, नेता बोले- खौफ बनाए रखने को हाथ-गला काटने जरूरी

काबुल। अफगानिस्तान में दो दशक बाद तालिबानी हुकूमत लौटने के बाद भी फांसी की सजा देना, लोगों के हाथ काटने जैसी क्रूर सजा देने का सिलसिला जारी रहेगा। ये बात कोई और नहीं बल्कि खुद तालिबान की स्थापना करने वाले संस्थापकों में एक संस्थापक मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने कही है।

तुराबी ने एक विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि वो गलती करने वालों को पुराने तरीके से ही सजा देगा, इसमें महिलाओं को पत्थर मारना और चोरी करने पर हाथ काट देना शामिल है। तुराबी ने कहा कि गलती करने वालों की हत्या करने और अंग-भंग किए जाने का दौर जल्द लौटेगा, लेकिन इस बार शायद यह सार्वजनिक नहीं होगा।


तालिबान के मंत्री बने मुल्ला नूरूद्दीन तुराबी ने कहा है कि वो सार्वजनिक जगहों पर किसी कैदी या आरोपी को फांसी नहीं देगा। बल्कि, कैदियों को फांसी अब जेल में ही दी जाएगी। पहले तालिबान किसी स्टेडियम में या फिर सड़कों पर किसी शख्स को फांसी देकर उसकी लाश को चौराहों पर लटका देता था, लेकिन अब तालिबान उसे सार्वजनिक नहीं करेगा। जिस कैदियों को सजा देनी होगी उसे चुपचाप ही सजा दे दी जाएगी।

अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत चलेगी
काबुल में तालिबानी नेता तुराबी ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि सभी ने हमारे नियम-कानूनों की आलोचना की, लेकिन हमने उनके कानूनों और उनकी सजा के बारे में कुछ भी नहीं बोला। अब अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत चलेगी, इसमें कोई भी हमें नहीं बताएगा कि हमारा कानून कैसा होना चाहिए। हम इस्लाम को पालन करने वाले लोग हैं और हम कुरान के हिसाब से अपने कानून तैयार करेंगे।

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